कौन खरीदेगा एयर इंडिया, बोली लगाने के लिए 17 मार्च की डेट तय
सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की घोषणा की है. सरकार ने इसमें बोली लगाने के लिए 17 मार्च की तारिख निर्धारित की है. दो साल से कम समय में यह दूसरी बार है जब सरकार एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव के साथ आई है. एक रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी इस मामले में अबतक कम से कम 9 कंपनियों के मिल चुके हैं. इन कंपनियों में ब्रिटिश एयरवेज, IndiGo, जो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है शामिल है. इसके अलावा InterGlobe Aviation Ltd., SpiceJet Ltd. और विस्तार शामिल हैं.
2018 में एक असफल प्रयास के बाद एयर इंडिया लिमिटेड की एक सफल बिक्री प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए महत्वपूर्ण है कि वे व्यापक राजकोषीय घाटे को सुधार सकते हैं. एयर इंडिया जो 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप में शुरू हुई और बाद में सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई. कंपनी ने 2007 से पैसा नहीं कमाया. एयरलाइन ने पिछले साल 1.2 बिलियन डॉलर का नुकसान दर्ज किया था. अब तक का सबसे अधिक था.
हालांकि अभी इंडिगो, टाटा संस और IAG के प्रतिनिधियों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. घाटे के बावजूद एयरलाइन के पास कुछ आकर्षक संपत्ति हैं, जिसमें लंदन के चोक हीथ्रो हवाई अड्डे पर बेशकीमती स्लॉट, 100 से अधिक विमानों का बेड़ा और हजारों प्रशिक्षित पायलट और चालक दल शामिल हैं.
सोमवार को जारी बोली दस्तावेजों के अनुसार सरकार ज्यादातर एयरलाइनों के कर्ज को ले रही है, जो किसी भी संभावित खरीदार को केवल खरीद के लिए 3.26 बिलियन डॉलर से अधिक की देनदारियों के लिए छोड़ रही है.