फाल्गुन अमावस्या के दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये काम

By Tatkaal Khabar / 22-02-2020 02:44:52 am | 15149 Views | 0 Comments
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फाल्गुन माह में पड़ने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं. यह हिंदू वर्ष की अंतिम अमावस्या भी होती है. फाल्गुन अमावस्या महाशिवरात्रि के पर्व के बाद आती है. हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिये फाल्गुनी अमावस्या का अपना विशेष महत्व है. इस दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिये दान,तर्पण और श्राद्ध करते हैं.

इस बार फाल्गुन अमावस्या 23 फरवरी, रविवार के दिन पड़ रही है. इस दिन धार्मिक तीर्थ स्थलों पर स्नाना करना बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्माएं पितृ लोक पंहुचती हैं. यह आत्माओं का अस्थाई निवास होता है. इस दौरान उन्हें बहुत पीड़ा सहनी पड़ती है क्योंकि वे स्वयं कुछ भी ग्रहण करने में समर्थ नहीं होते हैं.

अमावस्या के दिन इन आत्माओं के वंशज, सगे-संबंधि या कोई परिचित उनके लिये श्राद्ध, दान और तर्पण करके उन्हें आत्मशांति दिला सकते हैं. पितरों की शांति के लिये किये जाने वाले दान,तर्पण, श्राद्ध आदि के लिये अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. अमावस्या के दिन कुछ सावधानियां भी बरतनी पड़ती हैं.

फाल्गुन अमावस्या पर ना करें ये काम

अमावस्या के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. इस दिन सूर्य उदय होने से पहले ही उठने का प्रयास करें.

घर में तामसिक चीजें जैसे प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का प्रयोग बिल्कुल ना करें. इस दिन सात्विक खाना खाएं.

इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. हो सके तो अमावस्या के दिन उपवास रखें.

घर में अंधेरा बिल्कुल भी ना रखें. शाम के समय पूरे कमरे में रोशनी अवश्य करें.

इस दिन घर पर आये किसी व्यक्ति को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए. अमावस्या का दिन दान और तर्पण का दिन होता है.

काले रंग के वस्त्र न पहनें. इस दिन स्नान करके हल्के रंग के साफ वस्त्र पहनें.

अमावस्या के दिन क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.