जनता के दुख-दर्द के प्रति समाजवादी पार्टी संवेदनशील : अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी की वजह से देश में अचानक लागू हुए लॉकडाउन से उत्तर प्रदेश की सड़कों पर लाखों लोग भूखे-प्यासे हैं। इन हालात में सत्ताधारी दल की जिम्मेदारी जहां ज्यादा है, वहीं मुख्य विपक्षी दल के रूप में सपा भी जनता के दुख-दर्द के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। गरीबों, असहायों की मदद में पार्टी के वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक तथा कार्यकर्ता दिन रात सक्रिय हैं। उन्होंने अपना आर्थिक सहयोग भी दिया है।
अखिलेश यादव ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि पलायन की भारी भीड़ और गरीबों की मुसीबतों को देखते हुए हमारा सुझाव है कि भाजपा सरकार समाजवादी सरकार के समय भोजन के लिए वितरित किए गए समाजवादी राहत पैकेट को बांटने का निर्देश जिलाधिकारियों को दे। इसके नियम पहले से बने हैं, सरकार चाहे तो इसका नाम बदल दे।
सरकार को तत्काल ये कार्य करने चाहिए:
1. यात्रियों को सुरक्षित घर पहुँचाए.
2. समाजवादी पेंशन, मनरेगा, किसान सम्मान राशि के पंजीकृत खातों में पैसे जमा करवाए.
3. फिर बैंकों के प्रतिनिधियों को चतुर्दिक सुरक्षा देकर घर-घर तक ये पैसा पहुँचाए.
4. राशन की मोबाइल दुकानों से वितरण करवाए।
अखिलेश यादव ने कहा कि खड़ी ट्रेनों को अगले कुछ दिनों के लिए अस्थायी रैन बसेरों में तब्दील किया जाए। जो यात्री रास्ते में फंसे हैं उनको तत्काल घर पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। समाजवादी पेंशन, मनरेगा, किसान सम्मान राशि फिर शुरू की जाए। बैंक प्रतिनिधियों को सुरक्षा देकर घर-घर पैसा पहुंचाने की व्यवस्था हो। मोबाइल दुकानों से राशन का वितरण हो।