Easter Sunday 2020: ईस्टर संडे आज,जानिए क्या है Easter Sunday का इतिहास

ईस्टर ईसाई धर्म का खास पर्व है। वर्ष 2020 में यह 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। ईस्टर फेस्टिवल वसंत ऋतु में पड़ता है। ईस्टर ईसाइयों का सबसे बड़ा पर्व है। महाप्रभु ईसा मसीह मृत्यु के तीन दिनों बाद इसी दिन फिर जी उठे थे, जिससे लोग हर्षोल्लास से झूम उठे। इसी की स्मृति में यह पर्व संपूर्ण ईसाई-जगत् में प्रतिवर्ष बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

यह पर्व हमेशा एक ही तारीख को नहीं पड़ता। 21 मार्च के बाद जब पहली बार चांद पूरा होता है, उसके बाद के पहले रविवार को ईस्टर का त्योहार होता है। यह पर्व वसंत ऋतु में आता है, जब प्रकृति मुस्करा उठती है।
ईस्टर संडे का त्योहार ईसाई समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही महत्व रखता है। इस बार 12 अप्रैल, रविवार को ईस्टर संडे का पर्व है। दरअसल गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु को कई तरह की यातनाएं देते हुए सूली पर चढ़ा दिया गया था। इसके बाद ईस्टर संडे को प्रभु यीशु पुन: जीवित हो गए थे। प्रभु के दोबारा जिंदा होने की खुशी में ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को खुशियों के तौर पर मनाते हैं। ईस्टर संडे के दिन बड़ी संख्या में ईसाई धर्म के लोग अपने परिवार संग चर्च में एकत्रित होते हैं और प्रार्थना में भाग लेते हैं। ईस्टर संडे के दिन पर दोबारा जीवित होने के बाद 40 दिनों तक रहकर अपने शिष्यों को सत्य के रास्ते पर चलने का संदेश दिया। 40 दिनों के बाद प्रभु यीशु ने दोबारा अपने प्राण को त्यागकर स्वर्ग की प्राप्ति हुई।
ईस्टर डे का महत्व
गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह ने सत्य की रक्षा करते हुए और लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश देते हुए सूली पर चढ़कर अपने प्राण त्याग दिए थे। माना जाता है कि गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु की मृत्यु के बाद रविवार के दिन फिर से जीवित हो गए। तब से इस खुशी में ईस्टर संडे का पर्व मनाया जाता है। आइए जानते हैं ईसाई धर्म के इस सबसे बड़े त्योहार के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां....
- ईस्टर संडे को खजूर इतवार के नाम से भी जाना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन पर प्रभु यीशु फिर से जीवित हो गए थे।
- प्रभु यीशु के दोबारा जीवित होने को नव जीवन में बदलाव का प्रतीक माना जाता है।
- प्रभु यीशु के दोबारा जीवित होने को सबसे पहले मरियम मगदलीनी नामक महिला ने देखा था फिर अन्य महिलाओं को इसके बारे में बताया था। इसलिए सबसे पहले यह पर्व सुबह सवेरे महिलाओं के द्वारा आरंभ होता है।
- इस दिन सभी लोग गिरजाघरों में एकत्रित होकर पवित्र बाइबल पढ़ते हुए प्रभु यीशु के उपदेशों को याद किया जाता है।
- ईस्टर संडे के दिन अंडों से सजावट की जाती है क्योंकि अंडे को बहुत ही शुभ माना जाता है। अंडे नया उत्साह और नई उंमग से भरने का संदेश देता है। इस दिन लोग एक दूसरों को अंडों को गिफ्ट के रूप में देते हैं।