लॉकडाउन के अनुपालन में पिता का अंतिम दर्शन न करने का निर्णय असाधारण- हरिश्चंद्र श्रीवास्तव प्रदेश प्रवक्ता भाजपा "योगी जी की अनुपस्थिति में फूलचट्टी ऋषिकेश में आज हुआ पिता का अंतिम संस्कार"

By Tatkaal Khabar / 21-04-2020 02:28:42 am | 13308 Views | 0 Comments
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लखनऊ प्रदेश भाजपा मुख्यालय :  लखनऊ 21 अप्रैल लॉकडाउन समाप्त होने के बाद दर्शनार्थ जाएंगे मुख्यमंत्री योगी
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ का अपने पिता श्री आनंद सिंह बिष्ट के निधन का समाचार सुनकर भी कर्तव्यपालन में जुटे रहना और लॉकडाउन का अनुपालन करते हुए उनके अंतिम दर्शन के लिये न जाने का निर्णय असाधारण है। राजधर्म के लिये राजधर्म का ऐसा पालन व कर्तव्यनिष्ठा का अनुकरणीय व्यवहार एक संन्यासी ही इतनी सरलता व सहजता से कर सकते हैं।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि योगी जी के पिता का आज उत्तराखंड केप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि संन्यास जीवन में प्रवृत्त होने के नाते योगी जी सांसारिक सीमाओं एवं मोह—बंधनों से मुक्त हो चुके हैं, परंतु उनके पूर्वाश्रम में हुई इस अपूर्णीय क्षति के बारे में जानकर गहरी पीड़ा हुई है। उनके जीवन की सार्थकता का अनुभव हमें सार्वजनिक जीवन में आप जैसे विलक्षण तत्वज्ञानी के सान्निध्य से होता है। आप जैसे यशस्वी एवं कर्मठ पुत्र के पिता के रूप में वे गौरव पुरुष थे। मैं उनके चरणों में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।'' - हरिश्चंद्र श्रीवास्तव प्रदेश प्रवक्ता भाजपा

फूलचट्टी ऋषिकेश में अं​तिम संस्कार हुआ। मुख्यमंत्री योगी जी ने कल ही कहा था कि उन्हें पूज्य पिताजी के कैलाशवासी होने पर मुझे भारी दुःख एवं शोक है। अंतिम क्षणों में पिताजी के दर्शन की हार्दिक इच्छा थी, परंतु वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध के कारण वे दर्शन न कर सके। 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में लॉक डाउन की सफलता तथा महामारी कोरोना को परास्त करने की रणनीति के कारण वे भाग नहीं ले पा रहे हैं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ जाएंगे।'
उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वतंत्रदेव सिंह, महामंत्री संगठन श्री सुनील बंसल सहित सम्पूर्ण प्रदेश इकाई की ओर से मुख्यमंत्री योगी जी के पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोकसंवेदना प्रकट की गयी। प्रार्थना की गयी कि ईश्वर उनके परिजनों को दुख को सहन करने का संबल प्रदान करें तथा दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।