हेमंत सोरेन सरकार ने कोरोना से लड़ाई में इलाज नहीं करने पर रद्द करेंगे हॉस्पिटल का लाइसेंस
झारखंड के लगभग सभी प्रमंडलों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है. हाल के दिनों में संक्रमण की रफ्तार काफी तेज हो गयी है. कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को चिंता में डाल दिया है. प्रदेश में मरीजों की संख्या 10 हजार के पार हो गयी है, तो इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 100 से अधिक हो गयी है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने गुरुवार को कोल्हान प्रमंडल की समीक्षा की. समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो अस्पताल कोरोना के मरीज का इलाज करने से इन्कार करेंगे, उनका निबंधन रद्द कर दिया जायेगा. जमशेदपुर स्थित सर्किट हाउस में हुई इस बैठक में जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार, एसएसपी एम तमिल वाणन और कोल्हान के तीनों जिला (पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसावां) के सिविल सर्जन के अलावा कई अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान जो महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये, वे इस प्रकार हैं:
जमशेदपुर में 3,000 कोविड मरीजों के लिए बनेगा अस्थायी अस्पताल
जेआरडी अस्पताल में होगी 700 बेड की व्यवस्था
मेडिका अस्पताल को अभी बंद नहीं होने दिया जायेगा, कोरोना काल तक उसे बनाया जायेगा कोविड19 अस्पताल
दूसरे राज्यों के गंभीर मरीज आ रहे हैं झारखंड. इसकी वजह से झारखंड के अस्पताल में बेड की कमी के साथ ही मृत्यु दर भी बढ़ रही है
यूनाईटेड क्लब, बेलडीह क्लब समेत जमशेपुर के अन्य क्लबों से अपील की गयी है कि कोविड19 अस्पतालों में भर्ती मरीजों की वे मदद करें
कोरोना में कार्य करने वाले अनुबंध या फिर सरकारी डॉक्टर, सफाईकर्मी, नर्स या अन्य लोगों के प्रोत्साहन के लिए उन्हें आर्थिक लाभ देने पर सरकार कर रही विचार
लॉकडाउन का निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लेंगे. सभी जिलों के उपायुक्तों से मांगी गयी है रिपोर्ट
लॉकडाउन के साइड इफेक्ट को कम करने पर चल रहा है मंथनकोरोना के मरीज का इलाज नहीं करने वाले अस्पताल का निबंधन होगा रद्द