उत्तर प्रदेश: 3.8 करोड़ के स्कॉलरशिप पर पढ़ने गई थी US, बुंलदशहर में छेड़छाड़ के दौरान रोड एक्सीडेंट में मौत

By Tatkaal Khabar / 11-08-2020 04:30:38 am | 13665 Views | 0 Comments
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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक बहुत ही दुखद मामला सामने आया है. यहां एक होनहार छात्रा की छेड़छाड़ के दौरान रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई. बताया जा रहा है कि छात्रा औरंगाबाद क्षेत्र में सोमवार को अपने चाचा के साथ स्कूटी से कहीं जा रही थी. इस दौरान एक बुलेट पर सवार दो युवकों ने उसका पीछा किया.

आरोप है कि चाचा के साथ जा रही छात्रा से युवकों ने छेड़छाड़ शुरू कर दी थी. घर वालों का कहना है कि बुलेट सवार युवक बार-बार स्कूटी को ओवरटेक कर रहा था. इस दौरान एक बार बुलेट सवार युवक ने आगे आकर तेजी से ब्रेक लगा दिया. इसके चलते स्कूटी को अचानक ब्रेक मारने से छात्रा तथा उसके चाचा सड़क पर गिर गए. 

यह एक्सीडेंट इतनी जोर से हुआ था कि हादसे में छात्रा की मौत हो गई. इस घटना के बाद हड़कंप मच गया है. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली छात्रा पढ़ने में बहुत होशियार थी. साल 2018 में उसने सीबीएसई बोर्ड से इंटरमीडिएट टॉप किया था. इसके बाद उसने अमेरिका पढ़ने जाने के लिए भारत सरकार से 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलर हासिल की थी.

छात्रा उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले की रहने वाली थी. उसकी उम्र 19 साल थी. उसके पिता चाय की दुकान चलाते थे, लेकिन दृढ़ संकल्प वाली छात्रा ने अपने सपने को सच करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया था, लेकिन उसका ऐसा दुखद अंत होगा यह किसी ने नहीं सोचा था.

परिजनों की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. अभी भी आरोपी बाइक सवारों का कुछ पता नहीं चल पाया है. दो साल पहले उत्‍तर प्रदेश की इस बेटी ने पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन किया था. भारत सरकार के 3.8 करोड़ की स्‍कॉलरशिप पर अमेरिका के बॉबसन कॉलेज में पढ़ाई कर रही यह छात्रा कोरोना के चलते अपने घर आई हुई थी.

छात्रा ने 12वीं की परीक्षा में 98 पर्सेंट नंबर हासिल किए थे. 2016 में इस छात्रा को पेंसिलपवेनिया के एक इंस्‍टीट्यूट ने समर प्रोग्राम के लिए चुना था और पहली बार वह विदेश गई थी. इसमें भारत से चुने गए बहुत ही होनहार 76 स्‍टूडेंट्स को मौका मिला था. इसके बाद छात्रा ने तय किया था कि वह अपनी आगे की पढ़ाई अमेरिका से करेंगी.

इसके बाद छात्रा ने SAT और TOEFL जैसे एग्‍जाम्‍स की तैयारी शुरू की. इस तरह आखिरकार उसे कामयाबी मिली थी और साल 2018 में फुल स्‍कॉलरशिप पर उन्हें अमेरिका के बॉबसन कॉलेज में एडमिशन मिला था. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उन्हें सम्‍मानित भी कर चुके हैं. 

साल 2009 में छात्रा के घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उसे स्कूल तक छोड़ना पड़ गया था. इसके बाद से ही उसने तय किया था कि पैसों को कभी रोड़ा नहीं बनने देगी.