UGC Exam 2020 : सुप्रीम कोर्ट का आदेश- बिना परीक्षा के प्रमोट नहीं किये जा सकते फाइनल ईयर के स्टूडेंट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि कॉलेज / विश्वविद्यालय के छात्रों के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक यूजीसी (University Grants Commission) के दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित की जानी चाहिए. अदालत ने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम (DM Act) के तहत राज्य COVID-19 महामारी के मद्देनजर परीक्षा स्थगित कर सकते हैं लेकिन कोई भी राज्य परीक्षा के बिना फाइनल इयर्स के छात्रों को प्रमोट नहीं सकता जैसा कि यूजीसी द्वारा आदेश दिया गया है. यह फैसला 13 राज्यों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 31 छात्रों द्वारा दायर याचिका पर सुनाया गया.
छात्रों ने मांग की थी कि उनकी अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए. अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी के दिशानिर्देशों के बाद विरोध किये जा रहे थे. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां राज्य वर्तमान स्थिति के कारण परीक्षा आयोजित नहीं करने का फैसला करता है, हम उन्हें समयसीमा बढ़ाने के लिए यूजीसी से संपर्क करने की स्वतंत्रता देते हैं. महाराष्ट्र में डीएम एक्ट के तहत परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय फैसले के अनुसार लागू होगा, राज्य को तारीख के विस्तार के लिए यूजीसी से संपर्क करना होगा.
न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और बी. आर. गवई ने 18 अगस्त को विस्तृत सुनवाई के दिनों के बाद इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. फैसला सुनाने से पहले पीठ ने राज्यों और यूजीसी को अपनी अंतिम लिखित दलीलें पेश करने के लिए तीन दिन का समय दिया. यूजीसी ने 6 जुलाई को घोषणा की थी कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सितंबर के अंत तक अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर परीक्षा आयोजित करने की आवश्यकता होगी.