1 सितंबर पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) से पितृ पक्ष हो रहे हैं शुरू, जानें श्राद्ध की तिथियां और महत्व

आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि सुबह 10 बजकर 53 मिनट से शुरू होकर बुधवार दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। इस दिन प्रतिपदा तिथि वालों का श्राद्ध किया जायेगा। जिन लोगों का स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हुआ हो, उन लोगों का श्राद्ध आज के दिन किया जायेगा। जिन लोगों को अपने पितरों की तिथि याद न हो, वे लोग पितृपक्ष की अमावस्या को श्राद्ध-कर्म कर सकते हैं। इस तरह श्राद्ध करने से आपको विशेष फल तो प्राप्त होंगे ही, साथ ही आपको पितृदोष से भी छुटकारा मिलेगा।
क्या है श्राद्ध?
इन दिनों में जो हम दान पूर्वजों को देते है वो श्राद्ध कहलाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जिनका देहांत हो चुका है और वे सभी इन दिनों में अपने सूक्ष्म रुप के साथ धरती पर आते हैं और अपने परिजनों का तर्पण स्वीकार करते हैं।
श्राद्ध के बारे में हरवंश पुराण में बताया गया है कि भीष्म पितामह ने युधिष्ठर को बताया था कि श्राद्ध करने वाला व्यक्ति दोनों लोकों में सुख प्राप्त करता है। श्राद्ध से प्रसन्न होकर पितर धर्म को चाहनें वालों को धर्म, संतान को चाहनें वाले को संतान, कल्याण चाहने वाले को कल्याण जैसे इच्छानुसार वरदान देते है।
श्राद्ध की तिथियां
पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) -1 सितंबर 2020
दूसरा श्राद्ध - 2 सितंबर
तीसरा श्राद्ध - 3 सितंबर
चौथा श्राद्ध - 4 सितंबर
पांचवा श्राद्ध - 5 सितंबर
छठा श्राद्ध - 6 सितंबर
सांतवा श्राद्ध - 7 सितंबर
आंठवा श्राद्ध - 8 सितंबर
नवां श्राद्ध - 9 सितंबर
दसवां श्राद्ध - 10 सितंबर
ग्यारहवां श्राद्ध - 11 सितंबर
बारहवां श्राद्ध - 12 सितंबर
तेरहवां श्राद्ध - 13 सितंबर
चौदहवां श्राद्ध - 14 सितंबर
पंद्रहवां श्राद्ध - 15 सितंबर
सौलवां श्राद्ध - 16 सितंबर
सत्रहवां श्राद्ध - 17 सितंबर (सर्वपितृ अमावस्या)