Durga Puja 2020 Date: दुर्गापूजा और कालीपूजा के लिए जारी हुई गाइडलाइन, नियमों अनदेखी करने पर होगी कार्रवाई

By Tatkaal Khabar / 10-09-2020 10:06:21 am | 13413 Views | 0 Comments
#

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 95 हजार से अधिक मामले सामने आये हैं वहीं देश में अब तक इस महामारी से 72 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में एक तरफ मामले बढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ यहां अब त्योहारों का भी मौसम शुरू हो चुका है. आने वाले महीनों में देश में दुर्गा पूजा, काली पूजा समते तमाम त्योहार आने वाले हैं. इन सब के बीच सरकार ने कोरोना काल में इन त्योहारों को मनाने के लिए दिशानिर्देश जारी किये हैं. ओडिशा सरकार ने आज सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के दौरान दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, काली पूजा और इसी तरह के अन्य पूजाओं के पालन के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिये हैं.

ओडिशा सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों -
* पूजा पंडालों / मंडपों में पूजा आयोजित करने के लिए आयोजकों को जिला मजिस्ट्रेट या उसके द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी से आवश्यक अनुमति लेनी होगी. कटक और भुवनेश्वर में वहां के पुलिस आयुक्त या उसके द्वारा अधिकृत किसी अन्य अधिकारी द्वारा ऐसी अनुमति दी जाएगी.

* पूजा पंडालों में मूर्ति का आकार 4 फीट से कम होगा।

* पूजा पंडालों / मंडपों में किसी भी समय मौजूद आयोजकों, पुजारियों और सहायक कर्मचारियों सहित 7 से व्यक्ति से अधिक लोग मौजूद नहीं होंगे.

* पूजा पंडाल / मंडप में उपस्थित लोगों को प्रशासन द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सभी जरूरी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने होंगे.

* पूजा आयोजित करने वाले आयोजकों और अन्य व्यक्तियों को स्थानीय प्रशासन या उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा लगाए गए किसी भी अन्य शर्त (शर्तों) का पालन करना होगा.

* पूजा के बाद कोई विसर्जन जुलूस नहीं निकलेगा. मूर्तियों को स्थानीय प्रशासन द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाबओं में विसर्जित किया जाएगा.

* कोई गीत-संगीत या कोई अन्य मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा.

दंड संबंधी प्रावधान : ओडिशा सरकार द्वारा जारी इन नियमों का उल्लंघन करने वालें किसी भी व्यक्ति को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार उत्तरदायी होगा और महामारी रोग अधिनियम, 1897 और विनियम धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

बता दें कि बंगाल, गुजरात, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में दुर्गा पूजा की धूम रहती है. महीना-दो महीना पहले से पूजा की तैयारी होती है और भव्य पंडाल बनाये जाते हैं.