वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विश्व बैंक-आईएमएफ की विकास समिति की बैठक में लिया हिस्सा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को विश्व बैंक-आईएमएफ की विकास समिति की बैठक में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तीव्र गति से सुधार के संकेत मिल रहे हैं। यह सरकार के कोविड-19 से प्रभावित आर्थिक वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए किए गए उपायों का परिणाम है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि बैठक में सीतारमण ने गरीबों को सीधा नकद ट्रांसफर और खाद्य सुरक्षा मानकों के लिए राहत पैकेज के साथ कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सीतारमण ने कहा कि उपभोक्ता व्यय में तेजी लाने के लिये 10 अरब डॉलर के उपायों की हाल में घोषणा की गई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज के माध्यम से और प्रोत्साहन दिया गया। उन्होंने वित्त वर्ष 2020 के चौथी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन का स्वागत किया जिसमें विश्व बैंक ने कोरोना के खिलाफ जंग में 45 बिलियन डॉलर की मदद का आश्वासन दिया है।
बैठक को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि कई निम्न आय और विकासशील देश गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले करोड़ों लोगों की आजीविका को बचाए रखने और उसे सुनिश्चित करने की चुनौती से जूझ रहे हैं। इन देशों में जो पुनरुद्धार और पुनर्वास के प्रयास हो रहे हैं, उसे किसी भी तरीके से कमजोर नहीं होने देना चाहिए।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार सीतारमण ने विनिर्माण पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स) समेत कई आंकड़ों के आधार पर गिरावट के बाद तेज गति से सुधार का जिक्र किया। विनिर्माण पीएमआई सितंबर में आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह विनिर्माण क्षेत्र में सुधार की संभावनाएं बताता है।