’50 देशों तक पहुंचाई भारत में बनी कोरोना वैक्सीन’, स्वीडन के प्रधानमंत्री से PM मोदी ने बताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. वर्चुअल माध्यम से आयोजित इस बैठक में दोनों नेताओं ने कोविड के बाद के दौर में स्वीडन और भारत के बीच सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने स्वीडन में कुछ दिन पहले हुए हिंसक हमले को लेकर भी दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भारत हमले में घायल होने वाले लोगों के लिए कामना करता है.
इस बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि हमने अब तक 50 देशों को भारत में बनी कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई है. हमने ऑनलाइन ट्रेनिंग कार्यक्रमों के द्वारा एशिया, साउथ ईस्ट एशिया और अफ्रीका के फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स और नीति निर्माताओं के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं. भारत ने महामारी के दौरान 150 से ज्यादा देशों को दवाइयां, अन्य जरूरी सामान मुहैया कराए हैं.
मोदी ने स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के साथ शिखर वार्ता में कहा कि पिछले पांच सालों में हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 162 प्रतिशत बढ़ी है. भारत ने 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लगाने का लक्ष्य रखा है. जलवायु परिवर्तन का मुद्दा दोनों देशों के लिए प्राथमिकता में है , हमें इसके लिए साथ मिलकर काम करना चाहिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र, मानवाधिकार, कानून का शासन, समानता, स्वतंत्रता और न्याय जैसे साझा मूल्य भारत और स्वीडन के बीच संबंधों और आपसी सहयोग को मजबूत करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘स्मार्ट सिटी, जल शोधन, अपशिष्ट प्रबंधन, ‘सर्कुलर इकोनॉमी’, स्मार्ट ग्रिड, ई-मोबिलिटी,डिजिटल कायाकल्प समेत कई क्षेत्रों में हमारे संबंध और प्रगाढ़ हो सकते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की संस्कृति ने हमेशा प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने के महत्व पर जोर दिया है. भारत पेरिस समझौते के तहत की गई अपनी प्रतिबद्धताओं पर आगे बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने बातचीत में स्टीफन लोफवेन से कहा कि 2018 में स्वीडन ने पहली इंडिया नॉर्डिक समिट आयोजित की थी, उस समय स्टॉकहोम आने का मौका मिला था. आशा करता हूं कि जल्द ही हमें फिर से मिलने का मौका मिलेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की संस्कृति ने हमेशा प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने पर जोर दिया है. हम पेरिस समझौते के तहत की गई अपनी प्रतिबद्धताओं पर आगे बढ़ रहे हैं. हम न केवल समझौते के लक्ष्यों को हासिल करेंगे वरन उससे आगे जाकर बहुत कुछ पाने की कोशिश करेंगे। जी20 देशों के साथ भारत ने अपने लक्ष्यों पर अच्छी प्रगति की है. पिछले पांच वर्षों में हमारी अक्षय ऊर्जा क्षमता में 162 फीसद की बड़ी बढ़ोतरी हासिल हुई है. हम इनोवेशन, प्रौद्योगिकी, निवेश, स्टार्टअप और अनुसंधान में अपने संबंधों को और आगे बढ़ा सकते हैं.