दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश, निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में 50 लोगों को नमाज की इजाजत
देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना वायरस के कारण स्थिति बदहाल है. कोरोना संक्रमण बेकाबू होकर बेहद तेज गति से बढ़ रहा है. इस संकट काल के बीच रमजान (Ramadan) का त्योहार मनाया जा रहा है. कोरोना से बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने रमजान के दौरान निजामुद्दीन मरकज मस्जिद में नमाज को लेकर बड़ा फैसला लिया है. हाईकोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज मस्जिद (Nizamuddin Markaz mosque) में 50 लोगों को पांच वक्त की नमाज पढ़ने की इजाजत दी है. कोर्ट ने कहा कि कोरोना की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है और ऐसे में एहतियात जरूरी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि 10 अप्रैल को जारी DDMA के नोटिफिकेशन के मुताबिक, कोविड महामारी में अभी धार्मिक स्थलों को बंद नहीं किया गया है, लिहाजा मरकज पर भी ये पाबंदी लागू नहीं हो सकती. इसी साथ ही हाईकोर्ट ने मस्जिद में 50 लोगों के नमाज पढ़ने की इजाजत दी. हालांकि वक्फ बोर्ड ने जब मरकज के फर्स्ट फ्लोर की तर्ज पर बाकी दो फ्लोर पर भी 50-50 लोगों की एंट्री की इजाजत मांगी तो हाईकोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि इसके लिए आप संबंधित ऑथोरिटी के पास अर्जी लगाएं.
ज्ञात हो कि पिछले साल इसी मस्जिद में सैकड़ों लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. निजामुद्दीन मस्जिद में तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में विदेशी लोगों के साथ ही भारत के हजारों लोगों ने भाग लिया था. इनमें से बहुत से लोग कोरोना से संक्रमित मिले थे. इस मस्जिद में शामिल हुए लोग देश के अलग अलग कोनों से आए थे. जो बाद में अपने यहां लौटकर गए थे. जिसके बाद कोरोना ने भयंकर रूप ले लिया था. उनके संपर्क में आए बहुत से लोग कोरोना की चपेट में आ गए थे. उस वक्त तबलीगी जमात को लेकर काफी बवाल देश में देखने को मिला था.
29 मार्च की रात को पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को मरकज से बाहर निकालना शुरू किया था और उन्हें अस्पतालों और क्वारंटीन सेंटर भेजा गया था. कोरोना वायरस को लेकर निर्धारित मापदंडों का पालन न करने को लेकर पुलिस ने एक एफआईआर भी दर्ज की थी.