एचआईवी और हेपेटाइटिस की तरह, कोविड मां से नवजात शिशु में नहीं हो सकता : विशेषज्ञ

By Tatkaal Khabar / 04-06-2021 11:01:09 am | 52393 Views | 0 Comments
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एचआईवी और हेपेटाइटिस की तरह, कोविड -19 नवजात शिशुओं में इस महामारी से संक्रमित मां से प्रसारित नहीं हो सकता है। लगभग 250 एन सीओवी पॉजिटिव महिलाओं ने त्रिपुरा में स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।

अगरतला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (एजीएमसी) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख तपन मजूमदार ने कहा कि यह एक बहुत ही सकारात्मक विकास है कि भारत में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिला है, जहां कोरोनावायरस के बावजूद मां से नवजात शिशु को कोविड -19 का प्रसार हो।

एजीएमसी के प्रोफेसर मजूमदार ने कहा, "कोरोनावायरस का जन्मजात और वर्टिकल प्रसार संभव नहीं है क्योंकि वायरस को प्राप्त करने के लिए प्लेसेंटा में कोई रिसीवर नहीं है। लेकिन एचआईवी पॉजिटिव और हेपेटाइटिस वायरस मां से नवजात बच्चे में ट्रांसमिट हो सकता है।"

महामारी की लहरों के दौरान, पिछले साल से लगभग 250 कोविड -19 पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं ने एजीएमसी, त्रिपुरा के मुख्य कोविड मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है।

एजीएमसी के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के प्रमुख जयंत रे ने कहा, "पहली लहर के दौरान, 214 कोविड -19 पॉजिटिव महिलाओं ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया, जबकि दूसरी लहर में 35 ऐसी माताओं ने फिट और सामान्य बच्चों को जन्म दिया। सीजेरियन डिलीवरी के कई अन्य मामले भी थे।"

उन्होंने  बताया कि प्रवेश से पहले, सभी गर्भवती महिलाओं का अनिवार्य रूप से कोविड परीक्षण किया जाता है और यदि कोई पॉजिटिव मामला पाया जाता है, तो उचित स्वास्थ्य प्रोटोकॉल अपनाया जा रहा है।

प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ रे ने कहा, "हालांकि, नवजात शिशुओं के परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों और संबंधित महिलाओं को अधिक सावधान रहना होगा। उन्हें बच्चे और मां दोनों के करीब नहीं आना चाहिए।"

विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि पहली लहर के विपरीत मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय और असम में दूसरी लहर के दौरान 15 साल से कम उम्र के बच्चे भी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं, जिससे इन राज्यों की सरकारों को बाल रोग विशेषज्ञों के पैनल का गठन को मजबूर होना पड़ रहा है।