गांवों में पहले था रात और दिन का रोस्टर, अब मिल रही 18 घंटे बिजली

By Tatkaal Khabar / 12-06-2021 02:51:20 am | 9632 Views | 0 Comments
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 देश में बिजली किसी भी राज्य के विकास की पहली दरकार है। आज के इस औद्योगिक युग में बिना बिजली के सामाजिक और आर्थिक उन्नति की कल्पना करना कोरी कल्पना करने जैसा है। हमारे जीवन में बिजली इतनी महत्वपूर्ण हो चुकी है  कि बिजली से चलने वाले उपकरणों ( ट्रेन, मोबाइल, इंटरनेट आदि) के बिना जीवन मानव के आदिकाल के दिनों जैसा प्रतीत होगा। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में बिजली की बेहतर और निर्बाध आपूर्ति सपना हुआ करती थी। पर अब केवल चार साल में उसी प्रदेश में बिजली के 24 घंटे की आपूर्ति का सपना साकार हो पाया है। आज उत्तर प्रेदश बिजली से जग मगाता  प्रदेश बन चुका है। यह संभव हुआ है योगी सरकार द्वारा गांव से लेकर शहर तक पूरे प्रदेश में बेहतर बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए बिजली की गति से काम करने से । 
      2017 में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता की बागडोर संभाली तब से बिजली आपूर्ति सुधारने और दुर्वव्यस्थाओं को दूर करने के लिए दिन रात सरकारी मशीनरी को लगाया और युद्धस्तर पर काम किए गए। जगह-जगह नए सब-स्टेशन स्थापित किए गए, निःशुल्क कनेक्शन दिए गए, त्वरित समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए। शासन स्तर से हर एक छोटी से छोटी गतिविधियों पर नजर रखी गई। इसी का परिणाम रहा कि महज एक वर्ष के भीतर सुधार के लिए अपेक्षित लक्ष्यों की प्राप्ति हो सकी। जिससे शहरों में 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 22 घंटे व गांवों में 18 घंटे की आपूर्ति की जाने लगी । 

करीब चार लाख राजस्व गांवों और मजरों में विद्युतीकरण    
बेहतर बिजली देने के लिए तमाम सरकारों ने दावे जरूर किये पर यूपी की जनता ने खुद को हर बार ठगा हुआ पाया। पहली बार योगी आदित्यनाथ सरकार ने बिजली की महत्व को समझते हुए प्रदेश में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की ठानी तो हर स्तर पर बाधाओं को दूर करने के लिए नितियां बनाईं । 1 लाख से अधिक राजस्व गांवों व  करीब तीन लाख मजरे विद्युतीकृत किए गए। ये ऐसे स्थान थे जहां आजादी के बाद से बिजली पहुंच ही नहीं सकी थी।

एक हफ्ते रात व एक हफ्ते दिन में ही मिलती थी बिजली,
पिछली सरकारों में बिजली की अनुपलब्धता का हाल यह था कि प्रदेश के गांवों और कस्बों में एक हफ्ते दिन और एक हफ्ते रात में ही बिजली मिलती थी। इस रोस्टर के हिसाब से जब दिन की बारी हो तो रात में बिजली की आपूर्ति नहीं और जब रात का रोस्टर हो तो दिन में बिजली नहीं मिलती थी। इतना ही नहीं रात की बिजली अक्सर सो जाने के बाद आती थी और दिन की बारी में लो वोल्टेज की समस्या से पूरा प्रदेश जूझता और आपूर्ति के नाम पर रोस्टर का कोटा पूरा हो जाता। परिणाम स्वरूप महज 8 से 10 घण्टे आपूर्ति वाली बिजली होने पर भी  लोग बिजली के लिए तरस कर रह जाते। 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से आज गांव में 18 घंटे की आपूर्ति की जा रही है।

पहले महीनों में बदलते थे ट्रांसफार्मर अब 24 घंटे में 
2017 के पहले एक ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए महीनों का इंतजार करना पड़ता था। स्थानीय खबरों के  अनुसार गांवों में चंदा जुटाकर खुद के व्यवस्था से बदलने के लिए प्रयास पर भी धक्के खाने पड़ते थे। आज प्रदेश में योगी सरकार के सत्ता में आने पर सख्त शासन और पारदर्शी व्यवस्था के चलते आज प्रदेश में कहीं भी 24 घंटे के भीतर जले ट्रांसफार्मर को ठीक किया जा रहा या इसे बदल दिया जा रहा है। 

बेहतर आपूर्ति से बदली प्रदेश की छवि
प्रदेश में पर्याप्त बिजली मिलने लगी तो इससे न सिर्फ लोगों का जीवन आसान हुआ बल्कि किसान समय पर खेती और सिंचाई कर पा रहे हैं, नए उद्योग धंधे स्थापित हो रहे हैं व निवेश का माहौल बना। इन सबसे बीते कुछ वर्षों में ही प्रदेश की छवि बदल गई है। योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले उत्तर प्रदेश को बिजली की दुर्वव्यस्था के चलते उत्तर प्रदेश को उपेक्षित नजरों से देखा जाता था। रात्रि सफर के दौरान अंधेरा दिखाई देने पर यूपी में प्रवेश करने का आभास होता था पर आज योगी सरकार के प्रयासों से पूरा उत्तर प्रदेश जगमगा रहा है।