इंपोर्ट ड्यूटी घटाते ही कम हो गए खाद्य तेल के दाम, सरसों की कीमतों में भी आई गिरावट

By Tatkaal Khabar / 13-10-2021 04:14:36 am | 10295 Views | 0 Comments
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त्योहारी मौसम में सरकार द्वारा खाद्य तेल उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए आयात शुल्क कम करने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव में गिरावट देखी गई.

बाजार सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क कम किए जाने से स्थानीय तेल- तिलहनों के भाव तो टूटे हैं, मगर विदेशों में बाजार तेज हो गया है. मलेशिया एक्सचेंज में 3.25 प्रतिशत की तेजी रही जबकि मंगलवार रात गिरावट के रुख वाले शिकागो एक्सचेंज में बुधवार को 2.10 प्रतिशत की तेजी आई.

सरसों का स्टॉक सीमित पर मांग ज्यादा
सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक कम है, स्टॉक सीमित है और मांग ज्यादा है. इसलिए शुल्क कम किए जाने का इस पर कोई विशेष असर नहीं आया. हालांकि, कीमतों में मामूली गिरावट आई है.

उन्होंने कहा कि सरसों की उपलब्धता कम रहने के बीच आगे सर्दियों के मौसम में हरी सब्जी के लिए इस तेल की मांग और बढ़ेगी और अभी अगली फसल आने में देर होने की संभावना है क्योंकि सरसों की बिजाई देर से हुई है. वायदा कारोबार में अक्टूबर अनुबंध के सरसों में 44 रुपए की तेजी रही. उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में कमी के अलावा नई फसल की आवक शुरू होने से पहले मूंगफली तेल-तिलहन और बिनौला में भी गिरावट रही.

कितनी हुई है आयात शुल्क में कटौती?
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, खाद्य तेल पर कस्टम ड्यूटी में कटौती की गई है. साथ ही एग्री सेस भी घटाया गया है. क्रूड पाम तेल पर ड्यूटी घटाकर 8.25 प्रतिशत (पहले 24.75%) , RBD पामोलीन पर 19.25 (पहले 35.75), RBD पाम तेल पर 19.25 (पहले 35.75), क्रूड सोया तेल पर 5.5 (पहले 24.75), रिफाइंड सोया तेल पर 19.5 (पहले 35.75), क्रूड सूरजमुखी तेल पर 5.5 (पहले 24.75) और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर 19.25 प्रतिशत (पहले 35.75) की गई है.

ड्यूटी घटाए जाने से CPO के भाव में 14,114.27, RBD के 14526.45, सोया तेल के 19351.95 रुपए प्रति टन घटे है. इस खबर से दिवाली के बाद खाद्य तेल बाजार मंदा हो सकता है. पहले से ही सरकार ने स्टॉक लिमिट लगा रखी है. साथ ही सितम्बर में बड़ी मात्रा में तेलों का आयात हुआ है.