Sericulture : रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत, जानिए कैसे प्रोत्साहित कर रही सरकार
श्रीनगर : एन्वॉयरमेंट फ्रेंडली बिजनेस- सेरीकल्चर रेशम उत्पादन में रूचि रखने वाले लोगों के लिए काफी शानदार अवसर मुहैया कराता है। रेशम के सामानों की घरेलू खपत के अलावा इसका निर्यात किसानों को अच्छी कमाई के मौके देता है। बेहतर आमदनी से अर्थव्यवस्था में भी पॉजिटिव योगदान होता है। भारत में कच्चा रेशम उत्पादन, खपत, आयात और निर्यात के आंकड़ों से पता चलता है कि रेशम उत्पादन से जुड़े किसान अच्छा मुनाफा कमाते हैं। मार्च, 2022 में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 में 35,468 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन हुआ। 2019-20 में 35,820 मीट्रिक टन, 2020-21 में 33,770 मीट्रिक टन और 2021-22 में दिसंबर 2021 तक 26,587 मीट्रिक टन कच्चे रेशम का उत्पादन हुआ। जानिए सरकार की नीतियों के बारे में
विदेश में भारतीय रेशम की मांग कच्चे रेशम का एक्सपोर्ट करने से भी करोड़ों की कमाई हुई है। 2018-19 में 291 मिलियन यूएस डॉलर, 2019-20 में 247 मिलियन यूएस डॉलर, 2020-21 में 198 मिलियन यूएस डॉलर और 2021-22 में दिसंबर तक 211 मिलियन यूएस डॉलर का एक्सपोर्ट हो चुका है। आंकड़ों की जानकारी कपड़ा राज्यमंत्री दर्शना विक्रम जार्देश ने संसद के बजट सत्र के दौरान दी थी।