सावन के महीने में करें ये उपाय, दूर होगी शादी में आने वाली सभी बाधाएं
सावन का महीना शुरू हो गया हैं। ये महीना सभी के लिए ख़ास होता है सावन माह में भगवान शिव की आराधना की जाती है। यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। इस महीने में शिव भगवान की पूजा कर उन्हें खुश किया जाता है। दरअसल इस महीने में उन्हें खुश कर हर मनोकामना की पूर्ति करवाई जा सकती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस महीने में किये जाने वाले उपाय के बारे में।
ज्योतिषशास्त्र में मान्यता है कि कुण्डली में ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होने पर शादी में बाधा आती है और शादी की बात तय होकर भी टूट जाती है। इस तरह की स्थिति से निकलने के लिए कुछ ज्योतिषशास्त्र पर आधारित उपाय हैं। अगर आप गौर करेंगे तो इनमें से कोई न कोई उपाय लोग आपके आसपास अमल में लाते नजर आ जाएंगे। आप भी चाहें तो इसे आजमाकर देख सकते हैं।
- अगर आपकी शादी नहीं हो रही है तो आप सावन के महीने में, शाम के समय सम्पूर्ण श्रृंगार करके माता गौरी के सामने बैठे, इसके बाद एक घी का दीपक जलाएं।
- फिर दीपक जलाने के बाद माता गौरी को श्रृंगार के सभी सामान किसी पात्र में रखकर अर्पित कर दें।
इसके बाद श्रृंगार के सामान अर्पित कर 'ॐ ह्रीं गौर्ये नमः' मंत्र का जाप करे, आपके अनुसार आप इसे कितनी भी बार कर सकते हैं। अब मंत्र जाप के बाद पूजा खत्म होने के बाद आप माता गौरी से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करे।
अब प्रार्थना करने के बाद श्रृंगार के सभी सामान जो आपने माता गौरी को चढ़ाएँ थे, किसी सुहागिन महिला को दे दे।
दरअसल ऐसा करने से आपका विवाह जल्द ही हो जाएगा। इसी के साथ अगर विवाह के बाद आपका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं चल रहा है तो आप प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती के सामने बैठ जाए और ध्यान रखे कि आप यह कार्य सूर्यास्त के 45 मिनट पहले या बाद करे।
अब आप बैठने के बाद भगवान शिव को पीले फूल और माता पार्वती को लाल फूल समर्पित करे और फूल अर्पित करने के बाद आप भगवान शिव को पंचमुखी रुद्राक्ष भी अर्पित करे। जी हाँ, अब इसके बाद ' ॐ गौरीश्ंकराय नमः' मंत्र का जाप करे, इसे आपको कम से कम 108 बार करना है।
अब इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती से अपने वैवाहिक जीवन सुचारु रूप से चलने की कामना करे, और रुद्राक्ष को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण कर ले लाभ होगा।