2 सितंंबर को लॉन्च होगा नासा का Artemis-1 मिशन, रॉकेट के इंजन-3 में आई थी खराबी
नासा के आर्टेमिस-1 मिशन को आज रवाना किया जाना था, लेकिन अब इसको टाल दिया गया है. इंजन में लीकेज होने के बाद नासा के मून मिशन को रोका गया. अब हाइड्रोजन टीम आर्टेमिस-1 लॉन्च डायरेक्टर के साथ मिलकर आगे की प्लानिंग पर काम कर रही है. इस मिशन को अब 2 सितम्बर को लॉन्च किया जाएगा. अपोलो 17 मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के आखिरी बार चंद्रमा पर पैर रखने के पचास साल बाद आर्टेमिस-1 मिशन शुरू होना है. बता दें कि तीन सौ 22 फुट का यह अतंरिक्ष लॉन्च प्रणाली रॉकेट नासा द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है.
यह नासा के अपोलो अभियान के करीब आधी सदी बाद चंद्रमा की कक्षा में एक खाली क्रू कैप्सूल को भेजने के लिए तैयार है. अपोलो अभियान के दौरान 12 अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर उतरे थे. छह सप्ताह की यह परीक्षण उड़ान अच्छी रही तो अंतरिक्ष यात्री कुछ सालों में चांद पर लौट सकते हैं. हालांकि, नासा के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जोखिम अधिक है और उड़ान की अवधि को कम किया जा सकता है.
चंद्रमा पर इंसान को बसाने की तैयारी
नासा के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि शनिवार को आई आंधी के दौरान नासा केनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर स्थित रॉकेट और कैप्सूल को कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अन्य उपकरणों को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है. उल्लेखनीय है कि नासा का आर्टेमिस-1 मिशन करीब आधी सदी के बाद मनुष्यों को चंद्रमा की यात्रा कराकर वापस लाने के एक महत्वपूर्ण कदम की ओर अग्रसर है.
चंद्रमा तक जाएगा नासा का रॉकेट
बता दें कि नासा की अतंरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली और ऑरियन क्रू कैप्सूल के लिए यह महत्वपूर्ण यात्रा होने वाली है. यह अंतरिक्ष यान चंद्रमा तक जाएगा, कुछ छोटे उपग्रहों को कक्षा में छोड़ेगा और खुद को कक्षा में स्थापित हो जाएगा.