खतरनाक हो सकता है स्माइलिंग डिप्रेशन, कहीं आपका अपना तो नहीं इसका शिकार
हम अपने आसपास रोजाना कई लोगों से मिलते हैं, जो हमेशा हंसते-मुस्कुराते नजर आते हैं। उन्हें देखकर यह ‘वाह! लाइफ हो तो ऐसी’ लेकिन ज्यादातर लोग उन मुस्कुराते हुए चेहरों पीछे की हकीकत कभी नहीं जान पाते। कई लोगों को देखकर तुरंत पता चल जाता है कि यह शख्स किसी बात से परेशान या दुखी है लेकिन कुछ लोग अपने दुखों और परेशानियों को अपने चेहरे की मुस्कुराहट के पीछे छुपा लेते हैं। ऐसे लोग स्माइलिंग डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। क्या आपने स्माइलिंग डिप्रेशन के बारे में सुना है। दरअसल, स्माइलिंग डिप्रेशन भी एक तरह का अवसाद होता है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति बाहर से खुश या संतुष्ट दिखाई देता है। हैरानी की बात ये है कि डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिकल मैनुअल ऑफ मेंटल डिसऑर्डर (डीएसएम -5) में इसे शामिल नहीं किया गया है लेकिन संभवतः असामान्य विशेषताओं के साथ प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार के रूप में इसकी पहचान की जा सकती है।
स्माइलिंग डिप्रेशन के लक्षण
स्माइलिंग डिप्रेशन का अनुभव करने वाले लोग बाहर से दूसरों को खुश दिखाई देते हैं लेकिन अंदर से वे अवसाद के कष्टदायक लक्षणों का अनुभव कर रहे होते हैं। अवसाद हर किसी को अलग तरह से प्रभावित करता है और इसके कई लक्षण हो सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख लक्षण है लंबे समय तक उदास रहना।
भूख, वजन और नींद में बदलाव आना।
थकान या सुस्ती महसूस करना।
निराशा की भावना आना।
आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास की कमी होना।
उन चीजों को करने में रुचि न लेना, जिन्हें करना पहले अच्छा लगता हो।
सेल्फ रिस्पेक्ट का कम होना।
Smiling Depression Symptoms
कब बढ़ जाता है स्माइलिंग डिप्रेशन का खतरा?
स्माइलिंग डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं जैसे-
किसी काम में असफल होना।
किसी रिश्ते का टूटना या शादी में समस्या।
नौकरी जाने पर भी यह समस्या हो सकती है।
आर्थिक समस्या होने पर।
सोशल मीडिया के आदी लोगों में भी ये समस्या देखने को मिल सकती है।
मुस्कुराहट के पीछे क्यों छिपाते हैं परेशानियां
स्माइलिंग डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति सार्वजनिक रूप से आपको खुश नजर आ सकता है। आप जानकर हैरान हो सकते हैं कि स्माइलिंग डिप्रेशन का शिकार शख्स एक्टिव, हेल्दी फैमिली, अच्छी नौकरी करने वाला, हंसमुख, आशावादी और आमतौर पर खुश दिखने वाला हो सकता है। अगर कोई इस तरह के अवसाद का अनुभव कर रहा है, मुस्कुरा रहा है तो हो सकता है कि उसे ये लगता हो कि-
अवसाद के लक्षण दिखना कमजोरी का संकेत है।
अपनी सच्ची भावनाओं को व्यक्त करने का मतलब किसी पर बोझ डालना है।
बिल्कुल भी डिप्रेशन नहीं है, सब ठीक है।
दूसरों के साथ इससे बदतर होता है तो किसी भी बारे में शिकायत करने की ज़रूरत नहीं है।
दुनिया हमारे बिना बेहतर हो सकती है।
आत्महत्या करने का खतरा
अवसादग्रस्त इंसान में उर्जा की कमी होती है और सुबह बिस्तर से बाहर निकालना भी मुश्किल हो जाता है लेकिन स्माइलिंग डिप्रेशन में ऊर्जा का स्तर प्रभावित नहीं हो है (बशर्ते वो शख्स अकेला न हो)। इस वजह से, आत्महत्या करने का खतरा अधिक हो सकता है। गंभीर अवसाद से ग्रस्त लोग कभी-कभी आत्महत्या के ख्याल का अनुभव करते हैं लेकिन कई लोगों के पास इन विचारों को हकीकत में बदलने की ऊर्जा नहीं होती है लेकिन मुस्कुराते हुए अवसाद से जूझने वाले किसी व्यक्ति के पास अनुसरण करने की ऊर्जा हो सकती है।
स्माइलिंग डिप्रेशन का इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, स्माइलिंग डिप्रेशन क्लासिक अवसाद के विपरीत या इतर लक्षणों को दिखाता है, जिसके कारण इसकी पहचान या जांच करना मुश्किल होता है। इसका निदान करना इसलिए भी मुश्किल है क्योंकि बहुत से लोग यह भी नहीं जानते कि वे उदास हैं या वे मदद ही नहीं मांगना चाहते। अगर आपको लगता है कि आपके आसपास कोई अवसाद की चपेट में है तो जल्द से जल्द उसकी मदद करने की कोशिश करें। इसके लिए डॉक्टर्स की सलाह लेनी बहुत जरूरी है। अगर आप भी अवसाद के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो मदद लेने से हिचकिचाएं नहीं। डॉक्टर्स या मनोचिकित्सक की मदद से आप अपनी मेंटल हेल्थ में सुधार ला सकते हैं। वे दवाइयों, थेरेपी आदि के जरिए आपको अवसाद के चंगुल से निकाल सकते हैं।