VINESH PHOGAT NEWS : किसान आंदोलन को मिला विनेश फोगाट का साथ, शंभू बॉर्डर पहुंचकर भरी हुंकार
शंभु बॉर्डर पर चल रहे लंबे समय से जारी किसान आंदोलन ने शनिवार को 200 दिन पूरे कर लिए. इस अवसर पर किसानों ने एक बड़े प्रदर्शन की योजना बनाई है. इसी बीच, ओलंपियन महिला पहलवान विनेश फोगाट शनिवार को शंभु बॉर्डर पर पहुंचीं. यहां किसानों ने उनका हार पहनाकर स्वागत किया और सम्मानित किया. जानकारी के अनुसार, इस विशेष कार्यक्रम में किसान आंदोलन के नेताओं ने उनके समर्थन के लिए विनेश फोगाट को सम्मानित किया.
विनेश फोगाट ने किसानों के समर्थन में अपनी बात रखते हुए कहा, "किसान लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए यहां बैठे हैं, लेकिन उनकी ऊर्जा अभी तक कम नहीं हुई है. मुझे गर्व है कि मैं एक किसान परिवार में पैदा हुई हूं. आपकी बेटी आपके साथ है. हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा, क्योंकि हमारे लिए कोई और नहीं आएगा. मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगे पूरी हों, और जब तक आपको आपके अधिकार नहीं मिल जाते, तब तक वापस मत जाइए." उन्होंने कहा, "जब हम अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, तो वह हमेशा राजनीतिक नहीं होता. आपको हमारी बात सुननी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, "यह हमेशा जाति या किसी और चीज़ के बारे में नहीं होता. मैं प्रार्थना करती हूं कि आपको आपके अधिकार मिलें, और हमारी बेटियां आपके साथ हैं."
किसानों के समर्थन में सरकार से अपील
विनेश फोगाट ने किसानों के समर्थन में सरकार से अपील करते हुए कहा, "किसान 200 दिनों से अपने अधिकारों के लिए बैठे हैं और मैं सरकार से अपील करती हूं कि उनकी मांगे पूरी करें. यह बहुत दुखद है कि उन्हें 200 दिनों से नहीं सुना गया है. हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ने की ताकत इन्हें देखकर मिलती है."
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने क्या कहा?
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आंदोलन की प्रगति पर जोर देते हुए कहा कि यह शांतिपूर्ण तरीके से, लेकिन बड़ी ताकत से जारी है. उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार हमारी दृढ़ता का परीक्षण कर रही है और हमारी मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं. हम एक बार फिर अपनी मांगें सरकार के सामने रखेंगे और नए ऐलान भी किए जाएंगे." पंधेर ने कहा कि शंभु बॉर्डर पर आंदोलन के 200 दिन पूरे होना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो किसानों की दृढ़ता को दर्शाता है. शंभु बॉर्डर पर आंदोलन के 200 दिन पूरे होने के अवसर पर बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.