Amanatullah Khan News / अमानतुल्लाह की ED ने किया गिरफ्तार, ACB-CBI ने भी की जांच
Amanatullah Khan News: आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने उनके घर पर छापेमारी की और छह घंटे तक पूछताछ की। खान ने एक्स पर इस रेड की जानकारी दी, और AAP ने आरोप लगाया कि ईडी बीजेपी का हथियार बन चुकी है, जिसका उद्देश्य दिल्ली का माहौल बिगाड़ना है।
आरोप और कानूनी कार्यवाही
अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए 2022 में उन्होंने 32 लोगों को अवैध रूप से बोर्ड में भर्ती किया, जिनमें कई रिश्तेदार और स्थानीय निवासी शामिल थे। इसके अतिरिक्त, उन पर बोर्ड की संपत्तियों को अवैध रूप से किराए पर देने और सरकारी पैसे का दुरुपयोग करने का आरोप है। साल 2020 में राजस्व विभाग ने खान की सदस्यता रद्द कर दी थी, और सीबीआई ने वक्फ बोर्ड घोटाले में अलग से केस दर्ज किया। ईडी ने इस साल जनवरी में चार्जशीट दायर की और खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शुरू किया।
AAP की प्रतिक्रिया
AAP ने इस कार्रवाई को केंद्र सरकार की राजनीतिक प्रतिशोधी रणनीति का हिस्सा बताया। पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से सभी एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। संजय सिंह ने भी आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई द्वारा की गई जांच के बावजूद कोई आर्थिक अपराध साबित नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि अमानतुल्लाह खान को पूछताछ के दौरान अपने परिवार के स्वास्थ्य मुद्दों के कारण समय की आवश्यकता थी, पर ईडी ने उन्हें सुबह-सुबह गिरफ्तार कर लिया।
अमानतुल्लाह खान पर क्या लगे हैं आरोप?
अमानतुल्लाह खान पर आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए 2022 में उन्होंने 32 लोगों को अवैध रूप से बोर्ड में भर्ती किया था. एसीबी जांच में पता चला कि 32 लोगों में 5 रिश्तेदार और 22 ओखला निवासी थे. ये नियुक्तियां सरकारी नियमों को ताक पर रखकर की गई थीं. तत्कालीन सीईओ ने इन अवैध भर्तियों के खिलाफ ज्ञापन जारी किया था. आरोप ये भी था कि खान ने बोर्ड की कई संपत्तियों को अवैध तरीके से किराए पर दिया गया. एफआईआर में आरोप था कि बोर्ड के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है.
उधर, साल 2020 में राजस्व विभाग ने एक लेटर जारी किया, जिसमें कहा कि वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 14(1) के तहत खान वक्फ बोर्ड के सदस्य और अध्यक्ष नहीं रहे हैं. इसके बाद सीबीआई ने वक्फ बोर्ड घोटाले में एसीबी की एफआईआर को आधार बनाकर अलग से केस दर्ज किया. सीबीआई ने अमानतुल्लाह समेत 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और 21 अगस्त, 2022 को चार्जशीट दाखिल की. सितंबर 2022 में एसीबी ने अमानतुल्लाह से पूछताछ की. इसी दौरान केस में ईडी की एंट्री हुई और PMLA के तहत केस दर्ज किया गया.
ईडी ने इसी साल जनवरी में 5000 पेज की चार्जशीट दायर की और जावेद, दाऊद, कौसर और जीशान को आरोपी बनाया. साथ ही पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर भी आरोपी थी. ईडी का कहना था कि अमानतुल्लाह ने गलत तरीके से अर्जित संपत्ति से जमीनें खरीदी और बेचीं. एसीबी की रेड के दौरान आरोपी कौसर की डायरी में आठ करोड़ रुपए की एंट्री का भी जिक्र था. साथ ही कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग में अमानतुल्लाह शामिल हैं. एसीबी की रेड में अमानतुल्लाह के करीबियों के ठिकानों से 24 लाख रुपए कैश और हथियार बरामद होने के बाद खान को अरेस्ट किया गया था. हालांकि, 28 दिसंबर 2022 को उन्हें जमानत मिल गई थी. दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया.
आम आदमी पार्टी ने क्या दी सफाई?
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘वक्फ बोर्ड में भर्तियों के मामले में पिछले 8 साल से सभी एजेंसियां अलग-अलग स्तर पर जांच कर चुकी हैं. अभी तक कुछ नहीं मिला है. केंद्र सरकार के लिए यह बहुत शर्म की बात है कि एसीबी और CBI द्वारा जांच के बावजूद यह साबित नहीं हो सका है कि पैसों के लेन-देन से भर्तियां की गई हैं. केंद्र सरकार चाहती है कि दिल्ली में सभी सरकारी विभाग खाली रहें, जिससे दिल्ली की व्यवस्था चरमरा जाए. पूरा देश देख रहा है कि किस तरह से एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ये लोग इस तरह का दबाव और भी बढ़ाएंगे.’
आगे की कार्यवाही
अमानतुल्लाह खान को 28 दिसंबर 2022 को जमानत मिल चुकी थी। दिल्ली वक्फ बोर्ड के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया था। AAP का कहना है कि यह कार्रवाई चुनावों से पहले दबाव बनाने की एक कोशिश है, और पार्टी का कहना है कि वे इस उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे।