एक ऐसा देश जो बच्चे पैदा करने के लिए जवान पुरुषों को बुला रहा! दे रहा ब्रीडिंग वीजा
भारत ने हाल ही में चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे बड़े आबादी वाला देश बनने का कीर्तिमान हासिल किया है। यह स्थिति देश के लिए कई अवसरों के साथ-साथ चुनौतियों का सामना करने का भी संकेत है। बढ़ती जनसंख्या के मुद्दों को लेकर जागरूकता फैलाने और समाधान ढूंढने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस बीच, एक खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि जापान ने विदेशी पुरुषों को "ब्रीडिंग वीजा" देने की नीति शुरू की है, ताकि वे वहां आकर बच्चे पैदा कर सकें। हालांकि, यह दावा पूरी तरह से सच नहीं है।
जापान की नई वीजा नीति का सच
जापान की प्रमुख समाचार एजेंसी, क्योडो न्यूज के अनुसार, जापान ने कोई ऐसा "ब्रीडिंग वीजा" शुरू नहीं किया है। सोशल मीडिया पर फैली खबरें और दावे इस नए वीजा नियम का गलत अर्थ प्रस्तुत कर रहे हैं। जापान ने अपने वीजा नियमों में बदलाव किए हैं ताकि विदेशी कामगारों को वहां आने और काम करने की सुविधा मिल सके। हालांकि, इन नए नियमों के तहत, प्रवास की अवधि को 5 साल तक बढ़ा दिया गया है, जिससे विदेशी कामगार लंबे समय तक जापान में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं।
जापान की जनसंख्या समस्या
वृद्ध आबादी: जापान में लगभग 29.1% आबादी वृद्ध लोगों की है, जो कि एक गंभीर समस्या है। इस वृद्ध जनसंख्या के कारण, युवा कामगारों की कमी हो रही है और इससे अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है।
जनसंख्या में गिरावट: जापान की जनसंख्या में लगातार गिरावट आ रही है और जन्म दर में कमी हो रही है। 2024 तक, जापान की जनसंख्या 12.6 करोड़ के करीब पहुंचने की संभावना है, और यह गिरावट जारी रहने की आशंका है।
जापान की वीजा नीति में बदलाव विदेशी कामगारों की कमी को पूरा करने के लिए किया गया है और इसका उद्देश्य जनसंख्या को बढ़ाना या विदेशी पुरुषों को विशेष रूप से "बच्चे पैदा करने" के लिए प्रोत्साहित करना नहीं है। यह नीतिगत बदलाव केवल जापान की कामकाजी आबादी की कमी को संबोधित करने का एक तरीका है, जो आर्थिक वृद्धि और सामाजिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।