Waqf Amendment Bill / वक्फ एक्ट पर कानूनी लड़ाई शुरू, SC में आज से होगी सुनवाई

By Tatkaal Khabar / 16-04-2025 08:38:39 am | 404 Views | 0 Comments
#

Waqf Amendment Bill: विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद से पारित होकर कानून बन चुके वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 अब देश की सबसे बड़ी अदालत की कसौटी पर है। इस अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो रही है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की विशेष पीठ इस संवेदनशील मामले की सुनवाई कर रही है।

73 याचिकाएं, कई नामचीन याचिकाकर्ता
अब तक वक्फ एक्ट के खिलाफ लगभग 73 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। इनमें प्रमुख नामों में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमपीएलबी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, डीएमके, कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद शामिल हैं। साथ ही एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के अरशद मदनी ने भी याचिका दाखिल की है।

सुप्रीम कोर्ट ने अब तक इनमें से 10 याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है, जबकि अन्य याचिकाएं भी लंबित हैं। कोर्ट ने संकेत दिया है कि जल्द ही सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई के लिए तारीख तय की जाएगी।

केंद्र की कैविएट और संवैधानिक सवाल
केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं पर सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करते हुए अनुरोध किया है कि कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से पहले सरकार की दलीलें सुनी जाएं। केंद्र का यह रुख बताता है कि सरकार इस अधिनियम की वैधता को लेकर पूरी तरह सतर्क और तैयार है।

ओवैसी द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि यह अधिनियम मुसलमानों के धार्मिक और सामाजिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। उनके मुताबिक यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 15 (धर्म के आधार पर भेदभाव पर रोक) का स्पष्ट उल्लंघन है।

वक्फ कानून के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध
वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर देशभर में मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन और अभियान शुरू किए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 11 अप्रैल से "वक्फ बचाव अभियान" की शुरुआत की है, जो कुल 87 दिनों तक यानी 7 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान के पहले चरण में एक करोड़ हस्ताक्षर इकट्ठा करने का लक्ष्य है, ताकि यह जनदबाव सरकार और न्यायपालिका तक पहुंचाया जा सके।

वक्फ एक्ट का इतिहास और संशोधन की रूपरेखा
भारत में वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए 1950 के दशक में कानूनी ढांचा तैयार किया गया।

1954 में केंद्र सरकार ने वक्फ एक्ट बनाया और सेंट्रल वक्फ काउंसिल की स्थापना की।

1955 में राज्यों में वक्फ बोर्ड गठित किए गए, जो आज लगभग 32 हैं।

शिया और सुन्नी समुदायों के लिए कुछ राज्यों में अलग-अलग बोर्ड हैं।

2025 में अधिसूचित वक्फ संशोधन अधिनियम इन मौजूदा व्यवस्थाओं में बदलाव लाता है। इसमें कुछ नए प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिन्हें लेकर विवाद खड़ा हुआ है।

वक्फ (संशोधन) बिल 2024: टाइमलाइन एक नजर में
8 अगस्त 2024: लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल पेश

8 अगस्त 2024: संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया

30 जनवरी 2025: समिति ने रिपोर्ट सौंपी

2 अप्रैल 2025: लोकसभा से पारित

3 अप्रैल 2025: राज्यसभा से पारित

हाल ही में: कानून अधिसूचित

न्यायिक समीक्षा की अग्निपरीक्षा
अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक समीक्षा के दौर में प्रवेश कर चुका है। एक ओर सरकार इसे समाज के हित में किया गया सुधार बता रही है, वहीं विरोधी पक्ष इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर कुठाराघात करार दे रहे हैं।