इंडिगो संकट पर केंद्र की सख्ती तेज : उड़ानों में 5% कटौती का फैसला,पीएम ने कहा—सिस्टम सुधारना ज़रूरी
नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइन में पिछले आठ दिनों से लगातार जारी अव्यवस्था के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद भवन में हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में स्थिति को लेकर कड़े शब्दों में चिंता जताई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के अनुसार, पीएम मोदी ने साफ कहा कि देश में ऐसे नियम और प्रक्रियाएं बननी चाहिए जो सिस्टम को मजबूत करें, लेकिन आम यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने NDA संसदीय दल की बैठक के बाद कहा, "...प्रधानमंत्री मोदी ने सभी NDA सांसदों को देश के लिए और अपने संसदीय क्षेत्र के लिए, राज्य के लिए क्या-क्या करना है, उसके लिए मार्गदर्शन दिया है...प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों की जिंदगी को सुधारने के लिए सुधारों पर बहुत जोर दिया है...देश के आम लोगों की जिंदगी को आसान और आरामदायक बनाने के लिए सुधार, हर क्षेत्र में सुधार होने चाहिए...प्रधानमंत्री मोदी ने बहुत साफ शब्दों में कहा है कि कोई भी ऐसा कानून, नियम नहीं होना चाहिए, जो बिना मतलब नागरिकों को परेशान करें...कानून लोगों पर बोझ नहीं बल्कि उनकी सुविधा के लिए होना चाहिए...प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरे कार्यकाल में देश को और तेजी से आगे ले जाने के लिए और तेजी से काम करने के लिए कहा है...बहुत अच्छी बैठक हुई है इसी बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी इंडिगो पर कड़ा कदम उठाया है। सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में एयरलाइन को अपनी 5% फ्लाइट्स तुरंत कम करने का आदेश दिया गया। इससे इंडिगो की लगभग 115 दैनिक उड़ानें प्रभावित होंगी, क्योंकि कंपनी सामान्य दिनों में करीब 2300 फ्लाइट्स ऑपरेट करती है।
यात्रियों की बढ़ती दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 10 प्रमुख एयरपोर्ट्स पर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निर्णय लिया है। इनमें मुंबई, दिल्ली को छोड़कर बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, पुणे, गुवाहाटी, गोवा और तिरुवनंतपुरम जैसे बड़े शहर शामिल हैं। तैनात अधिकारी—डिप्टी सेक्रेटरी, डायरेक्टर और जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के—मौके पर जाकर भीड़, देरी और एयरलाइन प्रबंधन से जुड़ी समस्याओं का प्रत्यक्ष आकलन करेंगे।
उधर, इंडिगो की फ्लाइट कैंसिलेशन की स्थिति मंगलवार को भी सुधरती नहीं दिखी। सुबह 10:30 बजे तक अकेले बेंगलुरु और हैदराबाद एयरपोर्ट पर 180 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी थीं। यात्रियों में इससे काफी नाराज़गी और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।