पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 श्री नारायण दत्त तिवारी का पार्थिव शरीर कल दोपहर 12 बजे लखनऊ हवाई अड्डे पहुंचेगा...
लखनऊ हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री तथा मंत्रिमण्डल के अन्य
सदस्य तिवारी जी के पार्थिव शरीर की अगवानी करेंगे
और उन्हें ससम्मान विधान भवन लेकर जाएंगे
विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित तथा अन्य
गणमान्य व्यक्ति विधान भवन में ही श्री तिवारी
के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे
दोपहर 01 बजे से 03 बजे तक उनका
पार्थिव शरीर दर्शनार्थ विधान भवन में रखा जाएगा
उत्तर प्रदेश से तिवारी जी के गहरे जुड़ाव व राज्य के
विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा
लखनऊ: 19 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 नारायण दत्त तिवारी का पार्थिव शरीर कल (20 अक्टूबर, 2018) दोपहर 12 बजे लखनऊ हवाई अड्डे पहुंचेगा। तदोपरान्त दोपहर 01 बजे से 03 बजे तक उनका पार्थिव शरीर दर्शनार्थ विधान भवन में रखा जाएगा।
यह जानकारी आज यहां राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा कल प्रातः 08 बजे श्री तिवारी के नई दिल्ली स्थित आवास पर जाएंगे। तत्पश्चात 11 बजे एयर एम्बुलेंस से पूरे सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को लेकर मध्यान्ह 12 बजे लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे।
लखनऊ हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री जी तथा मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य पण्डित नारायण दत्त तिवारी जी के पार्थिव शरीर की अगवानी करेंगे और उन्हें ससम्मान विधान भवन लेकर जाएंगे।
विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित तथा गणमान्य व्यक्ति विधान भवन में ही श्री नारायण दत्त तिवारी के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।
इसके उपरान्त अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री बलदेव ओलख उनके पार्थिव शरीर को लेकर पंतनगर, उत्तराखण्ड जाएंगे। जहां उनका अन्तिम दर्शन कर श्रद्धांजलि अर्पित की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के विकास और समृद्धि के लिए श्री तिवारी ने महत्वपूर्ण कार्य किए। उत्तर प्रदेश से उनके गहरे जुड़ाव व राज्य के विकास में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने उत्तराखण्ड के विकास में भी अपना योगदान दिया। श्री तिवारी द्वारा इन राज्यों में अनेक कल्याणकारी एवं विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया, जिससे समाज के सभी वर्ग लाभान्वित हुए। विकास पुरुष के रूप में वे सदैव याद किए जाएंगे।