ED ने जाकिर नाईक केस में PMLA के तहत 16.40 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विवादित इस्लामिक धर्म उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच में उसकी 16.40 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है. शनिवार को ईडी ने एक बयान में कहा, 'धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुंबई और पुणे में नाईक की संपत्ति को जब्त करने का आदेश जारी किया गया था.' केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि जब्त की गई कुल अचल संपत्ति 16.40 करोड़ रुपये की है. इस मामले में ईडी द्वारा तीसरी बार संपत्तियों को जब्त किया गया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जाकिर नाईक के खिलाफ ईडी जांच कर रही हैं. इस मामले में ईडी के द्वारा अब तक जब्त की गई कुल संपत्तियों का मूल्य 50.49 करोड़ रुपये है.
ईडी ने मुंबई में फातिमा हाईट्स और आफिया हाईट्स, भांडुप इलाके में एक गुमनाम प्रोजेक्ट और पुणे में एनग्रेसिया नाम के प्रोजेक्ट की पहचान की थी. एजेंसी ने कहा कि इसका खुलासा ईडी द्वारा स्थापित मनी ट्रेल से किया गया.
ईडी ने कहा, 'फंड के ओरिजिन और प्रॉपर्टी के वास्तविक मालिकाने को छिपाने के लिए, पहले नाईक के अकाउंट से किया गया पेमेंट रिफंड किया गया और फिर उसे उसकी पत्नी, बेटे और भतीजे के खाते में भेजा गया और नाईक के बदले परिवार के सदस्यों के नामों को दर्ज कराने के उद्देश्य से दोबारा तरीका बदला गया था.'
गैर-कानूनी गतिविध रोकथाम कानून (UAPA) के तहत एनआईए द्वारा केस दर्ज करने के बाद ईडी ने नाईक और अन्य के खिलाफ दिसंबर 2016 में केस दर्ज किया था. एनआईए ने अक्टूबर 2017 में जाकिर नाईक और अन्य के खिलाफ मुंबई की एक अदालत में चार्जशीट भी दाखिल की थी.