पहली बार संसद में गले मिलना और गले पडऩे का फर्क पता चला:मोदी

By Tatkaal Khabar / 13-02-2019 04:30:08 am | 9960 Views | 0 Comments
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लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुचारू ढंग से चलाने के लिए स्पीकर का आभार जताते हुए कहा कि स्पीकर ने देवी अहिल्याबाई के जीवन को चरितार्थ करने की कोशिश यहां की है। पीएम मोदी ने कहा कि आपने कभी-कभी कठोर फैसले लिए हैं, वह भी लोकतंत्र और संसद की मर्यादा को बनाए रखने के तहत लिए हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में मुझे भी पहली बार ही संसद आने का मौका मिला था, और तब मैं बिल्कुल नया था। लेकिन जब मैं यहां बैठा तो यहां एक प्लेट देखी, जहां पता चला कि उसपर सिर्फ 3 प्रधानमंत्रियों के ही नाम हैं जबकि मेरे से पहले 13 प्रधानमंत्री रहे हैं। ऐसा क्यों हुआ होगा, इस पर कोई विचारक हमारा मार्गदर्शन करेंगे।

मोदी ने कहा कि पहली बार 2014 में कांग्रेस के गोत्र के बिना पहली सरकार बनी है। उन्होंने कहा कि 4 साल में 8 सत्र ऐसे रहे जिनमें 100 फीसदी से ज्यादा काम हुआ, औसतन हमने 85 फीसदी से ज्यादा काम किया है।
लोकसभा में अपना आखिरी भाषण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कालेधन से लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए इस सदन ने काफी अहम बिल पारित किए हैं। उन्होंने कहा कि इससे आने वाली पीढिय़ों को बहुत फायदा होने वाला है, जीएसटी के लिए रात 12 बजे संयुक्त सदन बुलाया गया और बगैर क्रेडिट लिए पूर्व वित्त मंत्री से उसे लागू करवाया गया। पीएम मोदी ने कहा कि इस कार्यकाल में उच्च वर्गों के गरीब लोगों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई और दोनों दलों के सांसदों का आभारी हूं। उन्होंने कहा कि हमने 1400 से ज्यादा बेकार कानूनों को खत्म करने का काम भी किया है। आगे भी काम जारी रहेगा और इसके लिए मुलायम सिंह जी ने आशीर्वाद दिया ही है। मोदी ने कहा कि यहां मैं पहली बार आया था मुझे पहली बार पता चला की गले मिलना और गले पडने में क्या फर्क पड़ता है।