आतंकवाद पर भारत को मिला सऊदी का साथ
नयी दिल्ली : आतंकवाद और कट्टरपंथ को ‘साझी चिंता' करार देते हुए सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब इससे निपटने में भारत और पड़ोसी देशों को पूरा सहयोग देगा.सऊदी अरब के युवराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वार्ता को व्यापक एवं सफल बताया.यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान भारत आने से पहले इस्लामाबाद यात्रा पर गये थे. उनकी यह यात्रा पुलवामा आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के साथ भारत के बढ़ते तनाव के बीच हुई. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत के बाद कहा कि पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाये कहर की एक और क्रूर निशानी है और दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि इस खतरे से निपटने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देनेवाले देशों पर सभी संभव दबाव बनाने की जरूरत है. प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के बीच बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किये.इनमें ‘नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड' में निवेश के लिए दोनों देशों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये. इसके अलावा पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग पर भी एक एमओयू हुआ. दोनों देशों ने आवास के क्षेत्र में सहयोग के लिये भी एक एमओयू किया. भारत के इन्वेस्ट इंडिया और सऊदी अरब के जनरल इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के बीच भी द्विपक्षीय निवेश संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग ढांचे पर हस्ताक्षर किये गये. प्रसार भारती एवं सऊदी ब्रॉडकास्ट को-ऑपरेशन के बीच भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पिछले हफ्ते पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला, इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाये कहर की एक और क्रूर निशानी है. उन्होंने कहा, इस खतरे से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है.प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का आधारभूत ढांचा नष्ट करना, इसे मिलनेवाला समर्थन समाप्त करना और आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है. इस अवसर पर सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने कहा; भारत में उनके पहले राजकीय दौरे पर रॉयल हाईनेस और उनके डेलीगेशन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। भारत और सऊदी अरब के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध सदियों पुराने हैं। और यह सदैव सौहार्द-पूर्ण और मैत्री-पूर्ण रहे हैं। हमारे लोगों के बीच के घनिष्ठ और निकट संपर्क हमारे देशों के लिए एक सजीव सेतु यानि living bridge है। हिज मेजेस्टी की, और रॉयल हाईनेस आपकी, व्यक्तिगत रुचि और मार्गदर्शन से हमारे द्विपक्षीय सबंधों में और भी प्रगाढ़ता, मधुरता और शक्ति आई हैं। आज, 21वीं सदी में, सऊदी अरब, भारत के सबसे मूल्यवान strategic partners में है। यह हमारे विस्तृत पड़ोस में है, एक करीबी दोस्त है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है। 2016 में सऊदी अरब की मेरी यात्रा के दौरान, हमने अपने संबंधों को विशेष रूप से, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में कई नए आयाम दिए थे। आपसे अर्जेन्टीना में 2 माह पहले हुई मुलाकात के परिणाम-स्वरूप सुरक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में हमारी strategic partnership के सार ने नया विस्तार लिया है। मुझे खुशी है कि आपके सुझाव की रूपरेखा के अनुसार, हम द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की स्थापना के लिए सहमत हुए हैं। इनसे हमारे संबंधों को मज़बूती, गति और प्रगति का लाभ मिलेगा।