1971 से है एक और 'अभिनंदन' का इंतजार,पाक के जेल में बंद हैं फ्लाइट लेफ्टिनेंट विजय तांबे
नागपुर: भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान पाकिस्तान के चुंगुल से वापस भारत लोटे हैं. लेकिन नागपुर में एक परिवार ऐसा भी है जो अपने अभिनंदन का इंतजार कर रहा है. नागपुर के फ्लाईट लेफ्टनंट विजय तांबे की कहानी भी ऐसी ही है. 1971 के भारत पाकिस्तान युद्द के दौरान विजय का विमान पाकिस्तान में गिर गया था. तब से वह पाकिस्तान के कब्जे में हैं. तभी से विजय को वापस लाने में उसका परिवार जुटा है. अब 48 साल के बाद भी विजय के परिवार को यह उम्मीद है की वह जिंदा होगा और उसे वापस लाना ही उसके 92 वर्षीय चाचा का जीने का मकसद है.पाकिस्तान के कैद में मौजूद फ्लाइट लेफ्टिनेंट विजय तांबे के चाचा मधुसूदन इसी उम्मीद पर हैं कि विजय अब भी जिंदा है और पाकिस्तान की कैद में उन्हे रखा गया है. पिछले 48 साल से वह लगभग रोज ही विजय को वापस लाने की कोशिश में किसी ना किसी को मिलते हैं. 5 दिसंबर 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में फ्लाइट लेफ्टिनेंट विजय का विमान पाकिस्तान में गिर गया था. गिरने से पहले उसने पाकिस्तान की कई छावनियों को नेस्तनाबूत कर दिया था. इसके बाद पाकिस्तान की तरफ चली गोली से उसके विमान में आग लग गई और वह गिर गया. इसके बाद से ही वह पाकिस्तान की कैद में हैं.