सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के मंत्रियों सहित TMC के 13 नेताओं पर दर्ज किया भ्रष्टाचार मामला..
सीबीआई ने नारद स्टिंग प्रकरण में पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों समेत पार्टी के 13 नेताओं परभ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है जिसमें वे कथित तौर पर कैमरे पर नकदी लेते पकड़े गये थे. वहीं, इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह एक राजनीतिक खेल है, हम इससे राजनीतिक रूप से लड़ेंगे. सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने राज्यसभा सदस्य मुकुल रॉय और लोकसभा सांसदों सुल्तान अहमद, सौगत राय, काकोली घोष दस्तीदार, अपरूपा पोद्दार समेत अन्य पार्टी नेताओं के खिलाफ कथित आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है. सीबीआई की प्रारंभिक जांच (पीई) पूरी होने पर मामला दर्ज किया गया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के निर्देश पर पीई दर्ज की गयी थी. खंडपीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिता म्हात्रे और न्यायमूर्ति टी चक्रवर्ती हैं. पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न समाचार चैनलों पर नारद स्टिंग के टेप प्रसारित किये गये थे जिनमें भविष्य में फायदा पहुंचाने के ऐवज में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कथित तौर पर लोगों से पैसे लेते हुए देखा गया. कलकत्ता उच्च न्यायालय की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश निशिता म्हात्रे और न्यायमूर्ति टी चक्रवर्ती की खंडपीठ के निर्देश पर मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज की गयी. पीठ ने 17 मार्च को सीबीआई को प्रारंभिक जांच दर्ज करने और उसकी रिपोर्ट अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. प्रारंभिक जांच सीबीआई जांच का पहला चरण होता है और इस दौरान एजेंसी यह आकलन करती है कि प्राथमिकी दर्ज करने लायक पर्याप्त सामग्री उपलब्ध है या नहीं. एजेंसी को प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि मामला आपराधिक है तो वह प्राथमिकी दर्ज करती है. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिये हैं और कुछ नेताओं से पूछताछ कर चुकी है.