आतंकी मसूद के बचाव की कोशिश में फिर से चीन
चीन ने बुधवार को एक बार फिर पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर के बचाव की कवायद शुरू की। चीन ने अमेरिका को उस बयान के लिए एक बार फिर चेतावनी दी, जिसमें अमेरिका ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए ‘सभी उपलब्ध तरीकों’ का उपयोग करने की धमकी दी थी। चीन ने कहा, वाशिंगटन का यह कदम इस मुद्दे को जटिल बना रहा है और दक्षिण एशिया में शांति व स्थिरता के अनुकूल नहीं है।
पिछले महीने चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका व रूस की तरफ से मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव को रोकने के बाद, 27 मार्च को अमेरिका ने 15 देशों की सुरक्षा परिषद में अजहर पर पाबंदी से जुड़ा मसौदा प्रस्ताव सीधे पेश कर दिया। इसमें मसूद को काली सूची में डाल उसकी यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने, संपत्ति जब्त करने और हथियारों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव था। इसका शुरूआत में चीन ने विरोध किया, लेकिन बाद में अपना रुख कुछ नरम किया था।
बुधवार को फिर से चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया से कहा कि चीन ने इस मुद्दे को सही तरह से हल करने के लिए तर्कपूर्ण और उचित रुख अपनाया है। गेंग ने कहा, यूएन सुरक्षा परिषद के अधिकतर सदस्य देशों का मानना है कि इस मुद्दे पर कोई भी प्रयास 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के प्रावधानों के तहत ही होना चाहिए। यह मुद्दा यूएनएससी में ड्राफ्ट प्रस्ताव पेश करने के बजाय आपसी वार्ता से ही सुलझना चाहिए। अमेरिका भी यह बात जानता है। ऐसे में मसौदा प्रस्ताव के लिए दबाव बनाना औचित्य से परे और संयुक्त राष्ट्र नियमों के विपरीत है।
जैश ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमला कर 40 सीआरपीएफ जवानों की हत्या समेत भारतीय संसद पर हमले समेत करीब दर्जन भर जघन्य अपराध भारत के खिलाफ किए हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान में अपने निजी हितों को ध्यान में रखकर चीन लगातार मसूद अजहर का बचाव कर रहा है।