मसूद अज़हर ग्लोबल टेररिस्ट घोषित,भारत के सामने पाकिस्तान को होना पड़ेगा नतमस्तक

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मामले में भारत को बड़ी कामयाबी मिली साथ ही चीन को तगड़ा झटका भी लगा। संयुक्त राष्ट्र ने पुलवामा आतंकी हमलों के जिम्मेदार जैश चीफ को ग्लोबल आतंकी घोषित कर दिया है।चीन लगातार इस मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के मामले में वीटो का इस्तेमाल कर रोड़े अटका रहा था. लेकिन अब यह रोड़ा निकल चुका है। आपको बता दें कि भारत पिछले काफी समय से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए जुटा हुआ था। लेकिन, बार-बार चीन इस मामले में वीटो का इस्तेमाल करता आया था।
भारत को सालों से किए जा रहे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम मिला है। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने बुधवार को जैस-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए पिछले 10 सालों में भारत द्वारा चौथी बार प्रस्ताव रखा गया था। चीन के बार-बार अड़ंगा लगाए जाने से मसूद अजहर अभी तक बचा हुआ था।
भारत के राजदूत एवं संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, ‘‘बड़े, छोटे, सभी एकजुट हुए। मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया है। समर्थन करने के लिए सभी का आभार।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने अपनी रोक हटा ली है, अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हां, हटा ली गई है।’’ बता दें कि ये प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था।
कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर 14 फरवरी को पाक के आतंकी संगठन जैश के आतंकी हमला करने के कुछ ही दिनों बाद यह प्रस्ताव लाया गया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि, तब चीन ने विटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचा लिया था। अब UN द्वारा JeM चीफ मसूद अहजर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के पीछे मोदी सरकार की सफल विदेश नीति को माना जा रहा है।
इससे पहले आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के भारत के प्रयासों में रोड़ा अटका रहे चीन के रुख में नरमी के संकेत मिले थे। चीन ने मंगलवार को कहा था कि वह मसूद अजहर के मामले को उचित रूप से हल करेगा, लेकिन इसके लिए चीन की तरफ से कोई समय-सीमा नहीं दी गई थी।
ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होते ही संयुक्त राष्ट्र के बनाए नियमों के मुताबिक आतंकी और उसे संबंधित संस्थाओं या समूहों की सारी संपत्ति और बैंक बैलेंस को जब्त कर लिया जाएगा.