गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिया नक्सलियों से निपटने के लिए आक्रामक नीति तैयार करने का निर्देश..

By Tatkaal Khabar / 08-05-2017 04:48:51 am | 11120 Views | 0 Comments
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केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज नक्सलवाद के सफाए के लिए आक्रामक नीति तैयार का निर्देश देते हुए उन्होंने नक्सलियों के वित्तीय स्रोतों को पूरी तरह बंद करने की जरूरत पर बल दिया है। गृहमंत्री ने नक्सली हिंसा से निपटने के लिए एकीकृत कमान बनाने का भी प्रस्ताव किया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने यह बात नक्सलियों से निपटने के लिए समग्र एवं समन्वित नीति तैयार करने के लिए प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की नई दिल्ली में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही। बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में दो सप्ताह पहले हुए नक्सली हमले में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत की पृष्ठभूमि में यह बैठक आयोजित की गई थी। इसमें दस राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया था। बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने कहा,हमें नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए नीति और रणनीति तैयार के साथ-साथ सुरक्षा बलों की तैनाती और ऑपरेशन में आक्रामक रूख अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उग्रवादी घटना घटित हो जाने पर जवाबी कार्रवाई करने से बेहतर होगा कि सुरक्षा बल पहले से ही सक्रिय रहें। नक्सलियों के वित्तीय स्रोतों को पूरी तरह बंद करने की जरूरत बताते हुए गृहमंत्री ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में मूल मंत्र बताया। क्योंकि इसे बंद किए बिना नक्सलियों को हथियार आदि खरीदने से रोकना मुश्किल होगा। सिंह ने कहा, देश में नक्सली समस्या का निदान केवल बंदूक की गोली से संभव नहीं है। इसका कोई शार्ट कट भी नहीं है। इसलिए अलग-अलग स्तरों पर अल्प,मध्य  और दीर्घकालिक नीतियां बनाने की जरूरत है। गृहमंत्री ने अर्द्धसैनिक बलों और जिला पुलिस को समन्वित नीति और योजना के तहत काम करने की सलाह दी है। साथ ही कहा कि अधिकारियों को भी अग्रिम मोर्चों पर डटकर कमान संभालनी होगी। दिल्ली, रांची और रायपुर में बैठकर इस अभियान में सफलता नहीं हासिल की जा सकती है। राजनाथ सिंह ने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि नक्सलियों के खिलाफ अभियानों की राज्य सरकारें जिम्मेदारी लें और केंद्रीय बल उनकी मदद करें। साथ ही जमीनी स्तर पर बलों को नेतृत्व की कमी न हो। नक्सली हिंसा से निपटने के लिए प्रभावित इलाकों में तैनात सुरक्षा बल के जवानों को ट्रैकिंग और बायोमीट्रिक सिस्टम से लैस अत्याधुनिक हथियार देने की पहल की गई है। इसकी जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री ने दी। उन्होंने कहा कि नक्सली संगठन आम तौर पर सुरक्षाबलों से लूटे हथियारों का ही इस्तेमाल करते हैं। इसे रोकने के लिए जवानों को बायोमीट्रिक और ट्रैकिंग सिस्टम युक्त स्मार्ट गन मुहैया कराना करागर विकल्प साबित होगा। उन्होंने कहा कि हथियारों में लगे ट्रैकर की मदद से लूटे गए हथियारों के साथ नक्सली गुटों की भी निशानदेही की जा सकेगी। इतना ही नहीं उन्होंने जवानों के जूतों और बुलेटप्रूफ जैकिट में भी जीपीएस युक्त ट्रैकर लगाने की जानकारी दी। जिससे अभियान पर निकले जवानों की पल पल की जानकारी मिल सकेगी। 
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान के लिए अहम योजनाओं के फंड रोकने पर नाराजगी जताई। उन्होंने नक्सल विरोधी अभियानों में बलों की त्वरित तैनाती के लिए राज्य की हेलीकॉप्टर की मांग ठुकराने पर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, यूपीए सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों के सुरक्षाबलों की क्षमता बढ़ाने और स्थानीय असमानताएं दूर करने करने के लिए विशेष आधारभूत संरचना योजना, एकीकृत कार्य योजना जैसी योजनाएं शुरू की थी। लेकिन मौजूदा सरकार ने इनमें से कई को बंद कर दिया है। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने राज्य में नक्सलियों से लड़ने के लिए रांची में हवाई निगरानी तंत्र विकसित करने की मांग की। उन्होंने भी एकीकृत कार्य योजना को फिर से शुरू किए जाने पर जोर दिया।