देश द्रोह कानून को नहीं किया जाएगा निरस्त:अमित शाह
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने बुधवार को यह साफ किया कि विवादास्पद देशद्रोह कानून को निरस्त नहीं किया जाएगा। राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने कहा राष्ट्र विरोधी, अलगवावादी और आतंकी तत्वों से प्रभावकारी तरीकों से निपटने में मदद के लिए इसके प्रावधान की जरुरत है।
गृह मंत्रालय ने लिखित बयान में बुधवार को कहा कि सरकार देशद्रोह कानून पर अपना स्टैंड बरकरार रखेगी। जब पूछा गया कि क्या सरकार ब्रिटिश काल से चले आ रहे आईपीसी के सेक्शन 124A को हटाने की कोशिश कर रही है तो गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, 'देशद्रोह से जुड़े कानून को खत्म करने का कोई प्रावधान नहीं है। राष्ट्र विरोधी, आतंकियों और पृथकतावादियों से निपटने के लिए इस कानून का होना जरूरी है।'
गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह साफ किया कि विवादास्पद देशद्रोह कानून को निरस्त नहीं किया जाएगा। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में कहा- “राष्ट्र विरोधी, अलगवावादी और आतंकी तत्वों से प्रभावकारी तरीकों से निपटने में मदद के लिए इसके प्रावधान की जरुरत है।”
भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए जो देशद्रो कानून के नाम से लोकप्रिय है, इसका दुरुपयोग राजनीतिक बहस का विषय बन गया था। संविधान में दिए अभिव्यक्ति की आजादी पर इससे खतरा होने का आरोप लगाया गया।
कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस कानून को खत्म करने का वादा किया था, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उसके ऊपर हमला करते हुए राष्ट्र विरोधी कदम उठाने का आरोप लगाया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान इस कानून का विरोध करने को लेकर कांग्रेस की सोच पर सवाल उठाए थे, जिसे सरकार राष्ट्र विरोधी तत्वों से निपटने में एक महत्वपूर्ण औजार मानती है।