प्रधानमंत्री मोदी इजराइल के लिए रवाना, होगा भव्य स्वागत

By Tatkaal Khabar / 04-07-2017 06:12:02 am | 11455 Views | 0 Comments
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इजराइल के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना हो गये। यह भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली इजराइल यात्रा है। प्रधानमंत्री भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे इजराइल की राजधानी तेल अवीव पहुंचेंगे जहां इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उनकी अगवानी करेंगे। भारतीय प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की गयी हैं और उनका स्वागत उसी स्तर का किया जायेगा जिस स्तर का अमेरिकी राष्ट्रपति और पोप का स्वागत किया जाता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के साथ भारत के संबंधों को विशेष करार देते हुए कहा कि उनके दौरे से द्विपक्षीय संबंधों तथा आतंकवाद विरोधी लड़ाई सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी। मोदी ने अपने तीन दिवसीय इजराइल दौरे की शुरूआत की पूर्वसंध्या पर कहा था, 'मेरा दौरा खास मौके पर आया है जब भारत और इजराइल के बीच संबंध स्थापित होने के 25 साल पूरे हुए हैं।'
 
इजराइल के सरकार समर्थक अखबार 'इजराइल हायोम' को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उनका दौरा दोनों देशों के बीच सदियों पुराने जुड़ाव' पर आधारित है। उन्होंने कहा, 'मैं ऐसे बहुत सारे लोगों की राय को साझा करता हूं जो इजराइल को प्रौद्योगिकी के वाहक, विपरीत हालात में अस्तित्व कायम रखने वाले देश के तौर पर देखते हैं।' अखबार का कहना है कि मोदी की इस यात्रा के दौरान नए रक्षा एवं साइबर सुरक्षा संबंध स्थापित करने पर जोर दिया जा सकता है। इन दो क्षेत्रों में इजराइल ने खुद को एक विश्व अगुवा के तौर पर पेश करने की कोशिश की है।
 
अपना न्यूजलेटर सब्सक्राइब करने वाले इजराइली नागरिकों को भेजे ईमेल में मोदी ने कहा कि इजराइल के साथ भारत का संबंध विशेष है। यरूशलम पोस्ट के अनुसार मोदी ने कहा कि उनके दौरे से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे। भारत रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक है और इजराइल उसका एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन चुका है। इजराइली मीडिया के अनुसार दोनों देशों के बीच हर साल एक अरब डॉलर से अधिक का रक्षा कारोबार होता है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत और इजराइल के बीच संबंध सुधारने तथा इसे नए स्तर तक ले जाने को प्रतिबद्ध है।
 
दोनों देशों के बीच पिछले तीन वर्षों में उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बढ़ने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि किसी भारतीय राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने 2015 में प्रणब मुखर्जी के दौरे से पहले इजराइल की यात्रा नहीं की थी। मोदी ने 'इजराइल हायोम' ने कहा, 'मेरे दौरे का अपना महत्व है क्योंकि यह पहली बार है कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजराइल का दौरा कर रहा है। मुझे विश्वास है कि मेरे दौरे से कई क्षेत्रों में हमारे संबंधों को मजबूती मिलेगी और सहयोग के लिए नयी प्राथमिकताएं सामने आएंगी।'
 
उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य इजराइल के साथ इस तरह के संवाद करने का है कि दोनों देशों के नागरिकों के जीवन में सुधार हो।' मोदी ने कहा, 'एक दशक से अधिक समय बाद मैं वापस आकर बहुत खुश हूं और इस दौरान इजराइल ने जो विकास किया है उसको देखने को उत्सुक हूं।' यह पूछे जाने पर कि क्या भारत और इजराइल आतंकवाद के समान खतरे का सामना कर रहे हैं, मोदी ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और दोनों देश इससे बचे नहीं हैं।
 
उन्होंने कहा, 'हमारे बीच समझौता है कि निर्दोष लोगों पर हिंसा करने वालों को फलने-फूलने नहीं देना चाहिए। सीमा पार आतंकवाद हमारे समक्ष एक बड़ी चुनौती है। हमारी सीमा के पार की विभाजनकारी ताकतें हमारे देश की एकता को बाधित करने का प्रयास कर रही हैं।' यरूशलम ने कहा, 'इस तरह के तत्व हमारे देश अथवा क्षेत्र में युवाओं को गुमराह करने के लिए धर्म का दुरूपयोग करते हैं। आतंकवाद को किसी तरह से किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। दोनों देश आतंकवाद की समस्या का मुकाबला करने के लिए एक दूसरे के प्रयासों में मदद करने तथा सहयोग करने के लिए और निकटता से काम कर सकते हैं।'
 
यह पूछे जाने पर कि वह पूंजीवाद के धुर समर्थक हैं और अर्थव्यस्था को और उदार बनाना चाहते हैं तो मोदी ने कहा कि वह किसी 'वाद' में विश्वास नहीं करते। मोदी ने कहा, 'मैं और मेरी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के लक्ष्य के साथ काम करते हैं।'