PM मोदी ‘‘मन की बात’’ .... नयी पीढ़ी जातिवाद, अराजकता, अव्यवस्था को नहीं करती पसंद

By Tatkaal Khabar / 29-12-2019 01:55:15 am | 9661 Views | 0 Comments
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को साल के आखिरी ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम में कहा कि नयी पीढ़ी को अराजकता, जातिवाद, परिवारवाद आदि पसंद नहीं है और उन्हें अव्यवस्था से चिढ़ है। ऐसे में आने वाला दशक निश्चित तौर पर युवाओं और उनके सामर्थ्य के साथ देश के विकास का दशक साबित होगा।
आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’’ में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आने वाला दशक न केवल युवाओं के विकास का होगा, बल्कि युवाओं के सामर्थ्य से, देश का विकास करने वाला भी साबित होगा और भारत को आधुनिक बनाने में इस पीढ़ी की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।’’
उन्होंने अपने संबोधन में लाोगों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने हाल के सूर्य ग्रहण और भारतीय खगोल विज्ञान के प्राचीन इतिहास का जिक्र किया। उन्होंने संसद सत्र में बेहतर कामकाज का भी उल्लेख किया। उन्होंने स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालयों में आयोजित होने वाले ‘ एल्युमिनाई’ समारोह एवं इसके माध्यम से अलग अलग क्षेत्रों में पूर्व छात्रों द्वारा आयोजित अभिनव कार्यक्रमों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि हम सब अनुभव करते हैं कि हमारी ये पीढ़ी बहुत ही प्रतिभाशाली है। कुछ नया करने का, अलग करने का, उसका ख्वाब रहता है। उसके अपने विचार भी होते हैं और सबसे बड़ी खुशी की बात ये है, और विशेषकर इन दिनों युवाओं को हम देखते हैं, तो वो व्यवस्था को पसंद करते हैं।
मोदी ने कहा कि युवा व्यवस्था का अनुसरण भी करना पसंद करते हैं। और कभी, कहीं व्यवस्था ठीक ढंग से प्रत्युत्तर ना करे तो वे बैचेन भी हो जाते हैं और हिम्मत के साथ सवाल भी करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे अच्छा मानता हूँ। एक बात तो पक्की है कि हमारे देश के युवाओं को, हम ये भी कह सकते हैं, अराजकता के प्रति नफ़रत है। अव्यवस्था, अस्थिरता, इसके प्रति, उनको बड़ी चिढ़ है। वे परिवारवाद, जातिवाद, अपना-पराया, स्त्री-पुरुष, इन भेद-भावों को पसंद नहीं करते हैं।’’
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब संशोधित नागरिकता कानून सहित कुछ अन्य विषयों पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन हुआ है । इन विरोध प्रदर्शनों ने कुछ स्थानों पर हिंसक रूप भी ले लिया। प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि आगामी 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती पर जब देश युवा-दिवस मना रहा होगा, तब प्रत्येक युवा, इस दशक में, अपने इस दायित्व पर जरुर चिंतन भी करे और इस दशक के लिए अवश्य कोई संकल्प ले।