क्या NPR के दौरान कागज दिखाना जरूरी? गृह मंत्रालय ने लोकसभा में दिया लिखित जवाब
नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के मसले पर अभी भी देश में कई तरह की अफवाहें फैली हुई हैं. इस सभी सवालों के बीच मंगलवार को मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि NPR को अपडेट करने के दौरान किसी तरह के कागज की जरूरत नहीं है, इस दौरान आधार कार्ड का नंबर देना भी वैकल्पिक होगा. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से संसद में ये जवाब लिखित में दिया गया है.
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अपडेटशन के दौरान हर परिवार और व्यक्ति की जानकारी ली जाएगी. इस प्रक्रिया के दौरान कागजों की मांग पर राज्य सरकार कीएनपीआर की प्रक्रिया पर गृह मंत्रालय का जवाबकिसी कागजात की जरूरत नहीं: गृह मंत्रालयकांग्रेस के मनीष तिवारी ने पूछा था सवाल
तरफ से कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे थे, हालांकि अब सरकार का कहना है कि वह राज्य सरकारों से बात करेगी.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में सरकार की ओर से जवाब दिया. अपने जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, ‘NPR के अपडेशन के दौरान किसी भी कागजात की जरूरत नहीं है.’ साथ ही ये भी जवाब दिया गया है कि इस दौरान ऐसा कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा, जिससे किसी की नागरिकता पर सवाल खड़े हों.
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के फैसले के तुरंत बाद भारत सरकार ने NPR को अपडेट कराने का फैसला किया था. 1 अप्रैल, 2020 से NPR अपडेट की प्रक्रिया शुरू होगी, जो कि जनगणना का पहला फेज़ होगी. NPR की प्रक्रिया के दौरान हर घर से जानकारी ली जाएगी, जिसमें सभी को सही जानकारी सरकार को देनी होगी. हालांकि, आधार कार्ड नंबर देना या ना देना व्यक्ति पर निर्भर होगा.
गौरतलब है कि मंगलवार को ही एक अन्य जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने अभी देशभर में NRC को लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में एनआरसी से जुड़ा किसी भी सवाल का औचित्य नहीं है. CAA के बाद NRC और NPR के मसले पर विपक्ष की ओर से लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर लिया गया था.
अभी तक बिहार, महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों ने अपने यहां नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन ना लागू करने का फैसला किया है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में सरकार की ओर से जवाब दिया. अपने जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, ‘NPR के अपडेशन के दौरान किसी भी कागजात की जरूरत नहीं है.’ साथ ही ये भी जवाब दिया गया है कि इस दौरान ऐसा कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा, जिससे किसी की नागरिकता पर सवाल खड़े हों.
बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के फैसले के तुरंत बाद भारत सरकार ने NPR को अपडेट कराने का फैसला किया था. 1 अप्रैल, 2020 से NPR अपडेट की प्रक्रिया शुरू होगी, जो कि जनगणना का पहला फेज़ होगी. NPR की प्रक्रिया के दौरान हर घर से जानकारी ली जाएगी, जिसमें सभी को सही जानकारी सरकार को देनी होगी. हालांकि, आधार कार्ड नंबर देना या ना देना व्यक्ति पर निर्भर होगा.
गौरतलब है कि मंगलवार को ही एक अन्य जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने अभी देशभर में NRC को लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में एनआरसी से जुड़ा किसी भी सवाल का औचित्य नहीं है. CAA के बाद NRC और NPR के मसले पर विपक्ष की ओर से लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर लिया गया था.
अभी तक बिहार, महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान, पंजाब समेत कई राज्यों ने अपने यहां नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन ना लागू करने का फैसला किया है.