लद्दाख में चीन की सीमा तक पहुंचेगी दुनिया की सबसे ऊंची भारतीय रेलवे

By Tatkaal Khabar / 13-07-2020 03:43:19 am | 11670 Views | 0 Comments
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चीन ने LAC के उस पार तिब्बत तक दुनिया की सबसे ऊंची रेलवे लाइन बिछाकर भारत को सामरिक दृष्टिकोण से बहुत बड़ी चुनौती दी हुई है। इसके जवाब में भारत ने भी बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह रेल परियोजना को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का फैसला कर लिया है। इस परियोजना के पूरा होते ही यह विश्व की सबसे ऊंची रेलवे लाइन होगी, जो सामरिक तौर पर तो महत्वपूर्ण होगी ही, पर्यटन के नजरिए से भी यह बहुत ही मनोरम होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं कि भारतीय रेलवे के लिए कितनी चुनौतीपूर्ण है इस रेलवे परियोजना पर काम करना, जिसमें रक्षा मंत्रालय भी उसकी हर संभव मदद कर रहा है। इस परियोजना पर 83,360 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है।


बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह रेल परियोजना को प्राथमिकता
बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह रेल परियोजना को भारत सरकार ने चार साल पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। लेकिन, अब लद्दाख में चीन की हरकतों को देखने के बाद सरकार ने इस रेल खंड को भी प्राथमिकता के साथ पूरा करने का मन बना लिया है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने एक वर्चुअल मीटिंग के बाद इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण 475 किलोमीटर लंबी बिलासपुर-मनाली-लेह परियोजना को जल्द पूरा करवाना उनकी सरकार की भी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इस अहम रेल प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार के अधिकार वाले दायरे में आने वाली जमीन के अधिग्रहण का काम तेजी से शुरू किया जाएगा।

दुनिया की सबसे ऊंची रेलवे होगी
इस रेल परियोजना के लिए अबतक सैटेलाइट के जरिए कम से कम 22 सर्वे किए जा चुके हैं। इस रेलवे लाइन के लिए पंजाब के रूपनगर जिले के आनंदपुर साहिब तहसील के भानुपाली से लेकर लेह तक के बीच कुल 30 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं। इस काम के लिए रडार की मदद से भी एक सर्वे होना प्रस्तावित है। तैयार हो जाने के बाद यह रेलवे दुनिया की सबसे ऊंची रेल परियोजना होगी, जिसकी अधिकतम ऊंचाई समुद्र तल से 5,360 मीटर की होगी। इस समय चीन ने क्विंघाई से तिब्बत के बीच एक रेलवे लाइन बिछा रखी है, जो फिलहाल दुनिया की सबसे ऊंची रेल परियोजना (2,000 मीटर) है। भारत जो रेल लाइन बिछा रहा है उसका महत्त्व इसलिए ज्यादा है कि यह एलएसी के पास तक पहुंचेगी, जिससे सुरक्षा बलों को सहायता तो मिलेगी ही, पर्यटन के विकास से इलाके का संपूर्ण विकास भी होने की संभावना है। इस रेल परियोजना में रक्षा मंत्रालय का भी योगदान है।