संपत्ति को पहुंचाया नुकसान तो चुकानी होगी पाई पाई
लखनऊ। सड़कों पर जलते वाहन और सरकारी व निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते उपद्रवियों की फौज पर प्रभावी रोकथाम लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में ‘सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण‘ का गठन कर साफ कर दिया है कि ‘अब तक जो चलता आया है, वह अब नहीं चलेगा।‘ उत्तर प्रदेश में अब सार्वजनिक व निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को इसकी भरपाई अपनी सम्मत्ति से करनी होगी।
देश में अक्सर राजनैतिक जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों और कथित आंदोलनों के दौरान उग्र भीड़ द्वारा सार्वजनिक सम्पत्ति को आग के हवाले करने की घटनाएं आपने भी देखी और सुनी ही होंगी! पर, व्यापक जनहित में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जब बीते दिनों योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रभावशाली कदम उठाते हुए उपद्रव करने वालों से ही इसकी भरपाई कराने का निर्णय लिया, तो उपद्रवियों से वसूली के इस ‘योगी माॅडल‘ का अनुशरण देश की अन्य राज्य सरकारों ने भी किया। कर्नाटक सरकार ने उपद्रवियों से संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय को अपनाया है। हाल ही में बंगलुरू में हुए दंगे के बाद कर्नाटक सरकार नुकसान की क्षतिपूर्ति के संबंध में दावा आयुक्त की नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने हड़ताल, बंद और उपद्रव के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर हिंसात्मक कार्यों को करने वालों के विरुद्ध अहम निर्णय लिया है। योगी सरकार मार्च 2020 में नागरिकता संशोधन अधिनियम, सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा फैलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति की वसूली के लिए ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली नियमावली-2020‘ लाई थी। इसी के तहत इस दावा अधिकरण का गठन किया गया है। प्रदेष में ‘संपत्ति क्षति दावा अधिकरण‘ लखनऊ एवं मेरठ में स्थापित होंगे। इस अधिकरण का निर्णय अंतिम होगा और इसके निर्णय को किसी भी न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
लखनऊ मंडल के दावा अधिकरण कार्यक्षेत्र के अंतर्गत झांसी, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवीपाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती एवं विन्ध्यांचल धाम मंडल सहित कुल 12 मंडलों से संबंधित दावा याचिका का निस्तारण किया जाएगा। वहीं मेरठ मंडल के दावा अधिकरण का कार्यक्षेत्र सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ, मुरादाबाद, बरेली एवं आगरा सहित कुल 06 मंडलों में होगा, इन मण्डलों से संबंधित दावा याचिकाओं का निस्तारण मेरठ मंडल से किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2 सदस्यीय दावा अधिकरण में के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जिला जज होंगे। तो वहीं दूसरे सदस्य अपर मंडलायुक्त स्तर के अधिकारी होंगे। संपत्ति क्षति दावा अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए पात्र अथ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किए करते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव, गृह एवं प्रमुख सचिव न्याय सदस्य होंगे। दावा अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति 5 वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक (जो भी पहले हो) के लिए होगी।
दावा अधिकरण के कार्यालय के लिए दावा आयुक्त एवं उप दावा आयुक्त की नियुक्ति अपर मुख्य सचिव, गृह द्वारा की जाएगी। दावा आयुक्त के रूप में राज्य प्रशासनिक सेवा या राज्य अभियोजन सेव का राजपत्रित अधिकारी होगा। दावा अधिकरण को उसके संचालन के लिए किसी अन्य आवश्यक कर्मचारी वर्ग विशेष रूप से विधिक सलाहकारों की सेवाएं अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
दावा अधिकरण द्वारा याचिका को निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत किया जाएगा, दावा आयुक्त द्वारा दावा की प्रति अध्यक्ष को एवं दावा अधिकरण सदस्य को भेजी जाएगी। दावा अधिकरण में दावों की सुनवाई के लिए पक्षकारों को नोटिस दी जाएगी। अधिकरण मौखिक सुनवाई, साक्षी की सुनवाई साक्ष्य का पूरा अवसर देते हुए अपना निर्णय सुनाएगा। लोक एवं निजी संपत्ति की क्षति की वसूली की कार्यवाही भू-राजस्व के बकाए के रूप में की जाएगी।