48 घंटे में बिहार पहुंचेगा मानसून, तीव्र वज्रपात की चेतावनी, येलो अलर्ट जारी
बिहार में मानसून दस्तक देने को तैयार है। अगले 48 घंटे में यह सूबे में प्रवेश कर जाएगा। इससे पहले राज्य के अनेक जगहों पर प्री मानसून में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई है जबकि अधिकतर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की स्थिति रही है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 48 घंटे में राज्य के कई हिस्सों में वज्रपात के आसार हैं।
जान-माल की क्षति न हो, इसके लिए मौसम विभाग ने लोगों को सचेत रहने को कहा है। हालांकि मौसमविदों का कहना है कि एक बार जब मानसून की बारिश शुरू हो जाएगी तो वज्रपात की तीव्रता और ऐसे बादलों के बनने की प्रक्रिया में कमी आएगी। इन सबके बीच अगले दो से तीन दिन लोगों को सतर्क और सचेत रहने की चेतावनी जारी की गई है। बिहार में मानसून पूर्णिया के रास्ते प्रवेश करेगा। जिसकी मानक तिथि 13 जून है लेकिन इस बार यह समय से एक या डेढ़ दिन पहले पहुंचेगा। इसके 11 जून की शाम से लेकर 12 जून की शाम तक बिहार में प्रवेश के आसार हैं।
पांच साल बाद समय से पहले प्रवेश करेगा मानसून
अगर मानसून 48 घंटे में बिहार पहुंचता है तो बीते पांच-छह सालों में यह पहली बार होगा जब मानसून ने समय से पहले सूबे में प्रवेश किया हो। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में 2015 में 22 जून को, 2016 में 17 जून को, 2017 में 16 जून को, 2018 में 25 जून को, 2019 में 22 जून और पिछले साल 2020 में 13 जून को मानसून ने सूबे में दस्तक दिया था। पिछले साल मानसून एकदम नियत समय पर पहुंचा था।
बागडोगरा तक पहुंचा मानसून
दक्षिणी पश्चिमी मानसून का करंट बिहार और बंगाल की सीमा के बागडोगरा तक पहुंच चुका है और अगले 48 घंटे में यह सूबे में प्रवेश कर जाएगा। दूरी के हिसाब से समझें तो अभी बिहार की सीमा से सबसे निकटवर्ती मानसून करंट 160 से 165 किमी दूर है और यह प्रतिपल अपना प्रसार बढ़ा रहा है। मानसून के प्रसार को लेकर सभी परिस्थितियां अनुकूल हैं और यह अपने स्वाभाविक गति से थोड़ा तेज बिहार की ओर बढ़ रहा है। बंगाल की खाड़ी क्षेत्र की ओर से बनी चक्रवाती परिसंचरण की परिस्थितियां इसे बेहद अनुकूल मदद पहुंचा रही है। यह चक्रवाती परिसंचरण अगले दो दिनों में कम दबाव के क्षेत्र में विकसित हो जाएगा जो पूर्वोतर भारत में भारी बारिश की वजह बन सकता है।