गर्भावस्था में फायदेमंद है व्यायाम मजबूत होते हैं फेफड़े और कम होता है अस्थमा का खतरा
अपने आपको फिट रखने के लिए न सिर्फ युवा लडक़े व पुरुष सचेत हैं अपितु महिलाएँ और युवा लड़कियाँ भी स्वयं को फिट और तरोताजा रखने के लिए व्यायाम का सहारा ले रही हैं। पुरुषों और लडक़ों की तरह ही महिलाएँ व लड़कियाँ भी योग, ध्यान, दौड़ और वॉक के जरिए स्वयं को स्वस्थ रखने का प्रयास कर रही हैं। ऐसा नहीं है कि लड़कियाँ सिर्फ कुंवारी होने तक ही यह सब कर रही हैं। आजकल शादी के बाद वे स्वयं को ताकतवर और मजबूत बनाने में व्यायाम का सहारा ले रही हैं। पिछले वर्ष ही मेरे पड़ोसी के बेटे की शादी हुई थी। आपसी बातचीत में उनकी बहू ने बताया कि वे नियमित रूप से रोज सुबह व्यायाम करती हैं और शादी के बाद भी उसने व्यायाम करना छोड़ा नहीं है। वह रोज सुबह अपने पति को साथ लेकर गॉर्डन में जाती है और वहाँ पूरी तरह से हर प्रकार का व्यायाम करती है। गर्भावस्था में फायदेमंद है व्यायाम गर्भावस्था के दौरान हल्का-फुल्का व्यायाम सिर्फ महिला के लिए ही नहीं कोख में पल रहे बच्चे के लिए भी फायदेमंद होता है। इस बात को हाल ही में नॉर्वे के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में साबित किया है। वैज्ञानिकों का कहना है, गर्भावस्था के दौरान रोजाना एक्सरसाइज या फिजिकली एक्टिव रहने वाली महिलाओं के बच्चों के फेफड़े मजबूत होते हैं। इन्हें भविष्य में अस्थमा होने का खतरा भी नहीं रहता। रिसर्च की 3 बड़ी बातें 1. रिसर्च करने वाली ऑस्लो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 800 से अधिक गर्भवती महिलाओं पर रिसर्च की। रिसर्च के दौरान महिलाओं से पूछा कि वो कितना एक्टिव रहती हैं। इन महिलाओं से जन्में बच्चों की 3 माह की उम्र में फेफड़ों की जांच की गई। फेफड़ों की जांच के लिए बच्चों के नाक और मुंह पर मास्क लगाया गया। इसके बाद इनके शांत रहने और सांस लेने की गति को मॉनिटर किया गया। बच्चा कितनी सांस ले रहा है और कितनी छोड़ रहा है, इसकी रिकॉर्डिंग की गई। 2. रिपोर्ट में सामने आया कि जिन बच्चों की मांओं ने गर्भावस्था के दौरान हल्का-फुल्का व्यायाम किया और गतिशील रहने कोशिश की उनके बच्चों के फेफड़े दूसरे बच्चों के मुकाबले मजबूत थे। 3. शोधकर्ताओं का कहना है, 8.6 फीसदी बच्चे ऐसे थे जिनकी मांएं गर्भावस्था के दौरान एक्टिव नहीं रही थीं, उनके फेफड़े उतने मजबूत नहीं थे, जितना व्यायाम करने वाली मांओं के 4.2 फीसदी बच्चों के थे। व्यायाम बच्चों में फेफड़े की बीमारी घटाने का आसान तरीका ऑस्लो यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता डॉ. रेफना कैटरिन कहती हैं, इससे पहले हुई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जिन बच्चों के शुरुआत में ही फेफड़े कमजोर होते हैं उनमें अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी दूसरी बीमारियों का रिस्क भी ज्यादा रहता है। गर्भावस्था के दौरान एक्टिव रहकर बच्चों में फेफड़ों की बीमारी का खतरा घटा सकते हैं। यह खतरे को घटाने का सबसे आसान तरीका है। लंदन की क्वीनमेरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोनाथन ग्रिग कहते हैं, प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला का एक्सरसाइज करना कितना जरूरी है, यह हम सब जानते हैं, लेकिन इसका असर बच्चे की सेहत पर पड़ता है इसकी जानकारी कम थी। रिसर्च के नतीजे महिलाओं को प्रेरित करेंगे और वो एक्सरसाइज के जरिए बच्चों के फेफड़ों को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगी। ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी एनएचएस गर्भवती महिलाओं को सलाह देती है कि वो रोजाना ऐसी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटी करें जिसमें को खुद कंफर्टेबल महसूस कर सकें।