2021 का नोबेल शांति पुरस्कार फिलीपींस के समाचार संगठन 'रैपलर' की सीईओ मारिया रेसा और रूसी पत्रकार दिमित्री मुरातोव को दिया गया

By Tatkaal Khabar / 10-10-2021 03:36:47 am | 13857 Views | 0 Comments
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करीब 32 साल पहले मैं जर्मनी में थी और बर्लिन की दीवार गिराये जाने की घटना की रिपोर्टिंग कर रही थी। इस घटना को पश्चिमी लोकतंत्र उदारवाद तथा ‘इतिहास के अंत’ के रूप में देखा गया। लेकिन आज के समय में दुनियाभर में लोकतंत्र का हाल बहुत अच्छा नहीं है

 
नोबेल पुरस्कार समिति ने आठ अक्टूबर 2021 को एक शक्तिशाली चेतावनी जारी की है जो इस बात को रेखांकित करती है। इसमें समिति ने नोबेल शांति पुरस्कार दो पत्रकारों को देने का फैसला किया है। नॉर्वे स्थित नोबेल समिति की अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडर्सन ने मारिया रेसा और रूसी पत्रकार दमित्री मुरातोव के लिए पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, ”वे ऐसी दुनिया के सभी पत्रकारों के प्रतिनिधि हैं जिसमें लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता को लगातार प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।”
नोबेल कमेटी ने बताया कि मारिया रेसा और उनके मीडिया संगठन को राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतर्ते की सरकार के कामों की आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए कई बार निशाना बनाया जा चुका है. वह गलत जानकारियों के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का भी एक अहम हिस्सा हैं. कमेटी की ओर से रूसी पत्रकार दिमित्री मुरातोव को बढ़ती चुनौतियों के बीच रूस में बोलने की आजादी को बचाने के उनके योगदान की बात भी कही गई.

दुतर्ते शासन की गड़बड़ियां उजागर कीं

कमेटी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा, "मारिया रेसा ने साल 2012 में रैपलर नाम की एक न्यूज वेबसाइट की शुरुआत की थी, जो राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतर्ते के शासनकाल की विवादास्पद, जानलेवा, एंटी-ड्रग अभियान पर गंभीरता से नजर रखती थी." रेसा और रैपलर के बारे में कमेटी ने यह भी कहा कि उन्होंने यह भी दर्ज किया कि फेक न्यूज फैलाने, विपक्षियों को परेशान करने और वहां की आम बहसों से छेड़छाड़ करने के लिए कैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है.

मारिया को एक पत्रकार के तौर पर तीन दशकों का अनुभव है. वह एशिया के लिए सीएनए की प्रमुख खोजी रिपोर्टर और फिलीपीन ब्रॉडकास्टर एबीएस-सीबीएन की समाचार प्रमुख भी रह चुकी हैं.