UP Chunav 2022: पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर कल है मतदान, सरकार के इन 9 मंत्रियों की किस्मत EVM में होगी कैद
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले पहले चरण के मतदान का कल यानी 10 फरवरी से आगाज होने जा रहा है. जिसमें पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर 623 चुनावी मैदान में हैं. साथ ही खास बात यह है कि वेस्ट में योगी सरकार के 9 मंत्रियों की साख भी दांव पर है. जनता इनके कामकाज से कितना खुश है, इसका फैसला 10 मार्च को आने वाले परिणाम ही बताएंगे. आइए जानते हैं इस फेहरिस्त में कौन-कौन से मंत्री शामिल हैं.
कपिल देव अग्रवाल
कपिल देव अग्रवाल प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभा) हैं. अग्रवाल ने 2017 में मुजफ्फरनगर सदर सीट से सपा प्रत्याशी गौरव बंसल को शिकस्त दी थी जबकि बसपा के राकेश शर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे. बीजेपी ने इस बार भी कपिल अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा है. बता दें, इस सीट पर सबसे ज्यादा चार बार बीजेपी का कब्जा रहा है. यह सीट किसानों के आंदोलन का केंद्र रही है. मुजफ्फरनगर दंगों के मुद्दों को राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में उठाया है.
डॉ. जीएस धर्मेश
योगी सरकार में राज्यमंत्री (खाद्य प्रसंस्करण, योजना, कार्यक्रम कार्यान्वयन) डॉ. गिरिराज सिंह धर्मेश 2017 में आगरा छावनी से चुनाव जीतकर विधायक बने थे. उन्होंने बसपा के गुटियारी लाल दुवेश को चुनाव में करारी शिकस्त दी थी. इस बार भी डॉ. जीएस धर्मेश इसी सीट से चुनावी ताल ठोक रहे हैं. देखना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अपनी जीत को दोहरा पाते हैं या फिर बसपा या सपा के उम्मीदवार को यहां जीत का ताज मिलेगा. डॉ धर्मेश आगरा-ग्वालियर हाईवे पर अपना क्लिनिक चलाते हैं.
चौधरी लक्ष्मी नारायण
चौधरी लक्ष्मी नारायण प्रदेश सरकार में डेयरी और पशुपालन मंत्री हैं. बीजेपी ने एक बार फिर उन पर दांव लगाया है. उन्होंने पहली बार 1996 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता और फिर कांग्रेस में विभाजन के बाद कल्याण सिंह सरकार में मंत्री बने. 2007 में, उन्होंने बसपा पर जीत हासिल की और फिर 2017 में, उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की. देखना होगा कि क्या वह अपना ही रिकॉर्ड तोड़ पाते हैं और एक ही पार्टी से दो बार सीट जीत पाते हैं.
संदीप सिंह
योगी सरकार में राज्यमंत्री (वित्त, तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा), पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा से चुनावी मैदान में हैं. जिसे कल्याण सिंह परिवार का गढ़ माना जाता है. कल्याण सिंह इस सीट से ग्यारह बार जीते थे, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. देखना होगा संदीप सिंह जीत के सिलसिले को दोबारा कायम रख पाते हैं या कोई और दल बाजी मारता है.
अतुल गर्ग
योगी सरकार में राज्य मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण अतुल गर्ग, गाजियाबाद सीट से एक बार फिर चुनावी ताल ठोक रहे हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में उन्होंने बसपा के सुरेश बंसल को करारी शिकस्त दी थी. अब उन्हें अपनी सीट बरकरार रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
श्रीकांत शर्मा
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे श्रीकांत शर्मा मथुरा शहर सीट से विधायक और योगी सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं. कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर 2017 में उन्होंने कांग्रेस के तीन बार से लगातार विधायक प्रदीप माथुर को 1.43 लाख वोटों से हराकर इस सीट पर कमल खिलाया था. बीजेपी ने एक बार फिर मथुरा शहर सीट पर श्रीकांत शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है.
सुरेश राणा
प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेताओं में गिने जाने वाले सुरेश राणा शामली की थाना भवन सीट से उम्मीदवार हैं. 2012 में, उन्होंने 265 मतों के मामूली अंतर से सीट जीती थी. वहीं, 2017 में, उनका अंतर बढ़कर 16,000 से अधिक वोट हो गया. जब उन्होंने बसपा के अब्दुल वारिश खान को पटखनी दी थी. जिसके बाद वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. बता दें, राणा का नाम मुजफ्फरनगर दंगें में भी आया था, हालांकि इसमें वह आरोपमुक्त हुए थे.
दिनेश खटीक
योगी सरकार में राज्यमंत्री दिनेश खटीक एक बार फिर से हस्तिनापुर सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. खटीक ने 2017 विधानसभा चुनाव में बसपा के योगेश वर्मा को हराकर जीत का परचम लहराया था. इस सीट पर कांग्रेस ने इस बार अभिनेत्री अर्चना गौतम को मैदान में उतारा है. वहीं, बीते दिनों ही बसपा का दामन छोड़ने वाले योगेश वर्मा को सपा ने अपना उम्मीदवार घोषित किया है. वह यहां से 2007 में विधायक बने थे. खटीक आरएसएस की पृष्ठभूमि से आते हैं और इलाके में ईंट भट्ठों के मालिक हैं.
अनिल शर्मा
बीजेपी नेता अनिल वर्मा योगी सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री हैं. पार्टी ने उन्हें एक बार फिर भाजपा की गढ़ कही जाने वाली बुलंदशहर की शिकारपुर सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. ब्राह्मण बाहुल्य इस सीट पर 2017 में उन्होंने बसपा प्रत्याशी मुकुल उपाध्याय को हराकर बड़ी जीत दर्ज की थी. 1990 के बाद से बीजेपी यहां 5 बार जीत हासिल कर चुकी है. सपा-रालोद गठबंधन ने इस बार पूर्व मंत्री किरनपाल सिंह को यहां से प्रत्याशी बनाया है.