सीमा विवाद को सुलझाना नहीं चाहता है चीन - सेना प्रमुख

By Tatkaal Khabar / 12-05-2022 01:51:00 am | 10606 Views | 0 Comments
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भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडे ने चीन की दोहरी नीति को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि "चीन का उद्देश्य भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद को जिंदा रखना है।" 

साउथ ब्लॉक में पत्रकारों के एक समूह से वार्ता करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि "चीन लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद को लंबे काल तक सुलझाना नहीं चाहता और उसका उद्देश्य गतिरोध को जारी रखने का है।"

वही अपने बयान में भारतीय सेना के विषय में बात करते हुए उन्होंने कहा कि "हमारा उद्देश्य अप्रैल 2020 की यथास्थिति को मजबूती से लागू करने का है और इसके लिए भारतीय सेना दृढ़ संकल्पित है।"

इस दौरान सेना प्रमुख श्री पांडे ने कहा कि गतिरोध वाले क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार सेना की तैनाती सुनिश्चित की गई है और अप्रैल 2020 की यथास्थिति में किया जाने वाला कोई भी परिवर्तन हमें स्वीकार नहीं है, सेना प्रमुख ने कहा कि "एक राष्ट्र के रूप में हमें एकजुट होकर इस गतिरोध के समाधान की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है।"

सीमा पर वर्तमान स्थिति को लेकर पत्रकारों से हुई वार्ता के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में सेना प्रमुख ने कहा कि "पूर्वी लद्दाख के डेपसॉन्ग, हॉट स्प्रिंग, एवं डेमचक क्षेत्रो में विभिन्न पेट्रोलिंग पॉइंट्स को लेकर गतिरोध अभी भी बना हुआ है और यहां भारतीय सैनिकों की आवश्यकता अनुसार तैनाती की गई है, जिसका उद्देश्य शीघ्र से शीघ्र अप्रैल 2020 की यथास्थिति को कायम करना है।"

इस दौरान सेना प्रमुख ने कहा कि चीन को सीमा विवाद के समाधान के संदर्भ में भारतीय पक्ष को और विश्वास दिलाने की आवश्यकता है। श्री पांडे ने कहा कि "यह एक पक्षीय नहीं हो सकता, इसके समाधान के लिए दोनों पक्षों को प्रयास करने की आवश्यकता है।" उन्होंने आगे कहा कि अच्छी बात यह है कि दोनों ही पक्ष अभी भी वार्ता की मेज पर हैं और उनके बीच वार्ता जारी है।

भारतीय सेना प्रमुख ने उम्मीद जताई कि वार्ता के माध्यम से इस विवाद को सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि "हम एक दूसरे से बात कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि इसका समाधान निकाल लिया जाएगा, यही एक रास्ता भी है।"

बता दें कि सेना प्रमुख का यह बयान तब आया है जब हालिया दिनों में चीन की ओर से सीमावर्ती क्षेत्रों में पीएलए में हिंदी अनुवादको की भर्ती, आधारभूत संरचनाओं के निर्माण, तिब्बत में स्थित सैन्य प्रतिष्ठानों का नवीनीकरण एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में संयोजकता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है, इसके अतिरिक्त अभी हाल ही में चीन के कब्जे वाले फिंगर 8 के समीप के क्षेत्र में भी चीन द्वारा पुल के निर्माण की खबरें सामने आई थी।

दरअसल चीन जहां एक तरफ भारत के साथ वार्ता का स्वांग रच रहा है तो वहीं दूसरी ओर सीमावर्ती क्षेत्रों में पारंपरिक सीमित युद्ध के दृष्टिकोण से अपनी तैयारियों को भी मजबूती से आगे बढ़ा रहा है, अब ऐसे में सेना प्रमुख ने उसके दोहरे चरित्र को आड़े हाथों लेते हुए यह स्पष्ट किया है कि भारत उसकी नियत और उद्देश्यों से भली भांति परिचित है और आवश्यकता अनुसार चीन को उसी की भाषा में उत्तर भी दिया जाएगा।

विदित हो कि चीन की दोहरी नीति को देखते हुए पिछले कुछ वर्षों से भारत ने भी कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर चीन को करारा जवाब दिया है, जिसकी ड्रैगन को बिल्कुल भी अपेक्षा नहीं थी, यही कारण है कि चीन बौखलाया हुआ है और सीमा विवाद के समाधान के विषय मे तरह-तरह के पैंतरे आजमा रहा है।