केंद्र में सरकार ने बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए उठाया ये कदम, आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध

By Tatkaal Khabar / 29-08-2022 05:42:52 am | 20400 Views | 0 Comments
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केंद्र की मोदी सरकार ने खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. जिसके तहत आटा, मैदा और सूजी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके लिए सरकार की ओर से एक विज्ञप्ति जारी की गई है. जिसमें बताया गया है कि गेहूं या मेसलिन का आटा, मैदा, साबुत आटा और सूजी के निर्यात को मुक्त से प्रतिबंधित किया जाता है. वहीं सूजी में रवा और सिरगी भी शामिल हैं. बता दें कि सरकार की ओर से यह आदेश डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने जारी किया है. इसमें ये भी कहा गया है कि सरकार की अनुमति के साथ अब कुछ मामलों में निर्यात किया जा सकेगा.

आदेश में क्या कहा गया है
सरकारी आदेश में कहा गया है कि फॉरेन ट्रेड पॉलिसी 2015-20 के ट्रांजिशनल अरेजमेंट्स संबंधी प्रावधान इस नोटिफिकेशन के तहत लागू नहीं होंगे. बता दें कि इससे पहले 25 अगस्त को सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था. यह फैसला आर्थिक मामलों की कैबिनटे कमिटी (CCEA) ने किया था.

आखिर सरकार ने क्यों रोका था गेहं का निर्यात

बता दें कि पिछले छह महीने से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. ऐसे में इन दोनों देशों की लड़ाई का असर दुनिया के दूसरे देशों पर भी पड़ रहा है. क्योंकि यूक्रेन गेहूं की खूब पैदावार करता है लेकिन इस साल युद्ध की वजह से वहां पैदावार में कमी आई है. रूस में भी भारी मात्रा में गेंहूं का उत्पादन होता है और दोनों देश विदेशों को भारी मात्रा में गेहूं का निर्यात करते हैं. युद्ध से दुनियाभर में गेहूं की सप्लाई बाधित हो गई. इसलिए भारत से गेहूं निर्यात की मांग बढ़ गई. निर्यात बढ़ने के कारण भारत में गेहूं की कीमत ऊपर जाने लगी और इस पर लगाम लगाने के लिए निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया.
आटे की मांग में भारी बढ़ोतरी

बता दें कि विदेशों में आटे की मांग में तेजी देखने को मिली है. इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच आटे की मांग में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 200 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. भारत ने 2021-22 में 24.6 करोड़ डॉलर का आटा निर्यात किया था. जबकि इस वित्त वर्ष केवल अप्रैल-जुलाई में ही 12.8 करोड़ डॉलर का आटा निर्यात किया जा चुका है.