यहां है सुंदरता की देवी उर्वशी का मंदिर, जानें रोचक बातें!

By Tatkaal Khabar / 16-05-2023 03:40:21 am | 6360 Views | 0 Comments
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चमोली जिले के बद्रीनाथ धाम के नजदीकी गांव बामणी गांव में उर्वशी मंदिर स्थित है. इसके नजदीक ऋषिगंगा का एक सुंदर झरना भी है, जो इस जगह की सुंदरता को और अधिक बढ़ा देता है.
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/चमोली. उत्तराखंड के चमोली जिले में वैसे तो कई मंदिर हैं जिनकी अलग अलग मान्यताएं हैं. हम इस रिपोर्ट में आपको ऐसे मंदिर के बारे मे बताएंगे जो रूप और सुंदरता की देवी को समर्पित है. दूरस्थ चमोली जिले के बद्रीनाथ धाम के नजदीकी गांव बामणी गांव में उर्वशी मंदिर स्थित है. देवी उर्वशी को बद्रिकाश्रम में भगवान विष्णु (नारायण) की बायीं जांघ से बनाया गया था. अलकनंदा के तट पर स्थित यह मंदिर नारायण और नीलकंठ पर्वत की पृष्ठ भाग में स्थित है.

इसके नजदीक ऋषिगंगा का एक सुंदर झरना भी है, जो इस जगह की सुंदरता को और अधिक बढ़ा देता है. अगर आप भी प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको निश्चित तौर पर यह जगह जरूर आकर्षित करेगी.

यह है कहानी!
पूर्व धर्माधिकारी भुवन उनियाल ने बताते हैं कि बद्रीनाथ क्षेत्र में भगवान विष्णु के अवतरण के बाद पूरे ब्राह्मण में जश्न मनाया गया जहां एक ओर गंधर्वों व किन्नरों ने गाना गया, तो वहीं अप्सराओं ने नृत्य किया. देवराज इंद्र ने सोचा कि कहीं नारायण उनके राजपाठ को न अपना लें इसके लिए उन्होंने नारायण के ध्यान को भ्रमित करने के लिए सुंदर अप्सराओं को भेजा. अप्सराओं ने भगवान नारायण के ध्यान को भंग करने के लिए रोमांचक नृत्य इत्यादि से उन्हें मोहित करने का प्रयत्न किया, लेकिन इसका नारायण पर कोई भी प्रभाव न पड़ा. उसके बाद नारायण ने अपनी कमल की जांघ को छुआ जिससे एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई और जिसे देख सभी अप्सराएं शर्मिंदा हो गई. फिर नारायण ने बताया कि इंद्र के सिंहासन को संभालने में उन्हें कोई भी दिलचस्पी नहीं है और वे केवल आध्यात्मिक प्राप्ति के लिए तपस्या कर रहे हैं. भगवान नारायण की जांघ से उत्पन्न हुई उसकी अप्सरा का नाम ‘उर्वशी’ रखा गया. जिसका मंदिर आज भी बामणी गांव में मौजूद है. साथ ही वे बताते हैं कि श्रीमद् देवी भागवत उर्वशी पीठ की बात करता है यानी भगवती सती का एक अंश यहां भी गिरा है इसलिए भागवत कहता है ‘बदरियाम् उर्वशी तथाः’.

मंदिर की वास्तुकला
उर्वशी मंदिर अन्य सामान्य हिंदू मंदिरों की तरह बेहद सरल है. मंदिर की सरल वास्तुकला उत्तर भारत में पाई जाने वाली नागर शैली पर आधारित है.


कैसे पहुंचे?
बाय रोड: बद्रीनाथ धाम तक सड़क व्यवस्था पूरी तरह से सुचारू है. बद्रीनाथ धाम में पहुंचने के बाद आपको धाम के नजदीक बामणी गांव में कुछ दूरी तक चलकर उर्वशी मंदिर मिल जायेगा.
बाय एयर: उर्वशी मंदिर का निकटतम एयरपार्ट जॉलीग्रांट.
बाय ट्रेन: चमोली के इस मंदिर का निकटतम रेलवे स्‍टेशन ऋषिकेश.

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