प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आखिरी कैबिनेट मीटिंग, PM बोले- जीतकर आइए, जल्दी मिलेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मंत्रिपरिषद बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें उन्होंने विकसित भारत: 2047 के विजन पर चर्चा की। साथ ही अगले पांच सालों के कामों पर मंथन किया। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की आखिरी बैठक थी।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक एक दिवसीय बैठक के दौरान मई में नई सरकार के गठन के बाद उठाए जाने वाले तत्काल कदमों के लिए 100 दिन के एजेंडे पर विचार-विमर्श किया गया। मोदी ने मंत्रियों से कहा कि वे चुनाव प्रचार के दौरान लोगों के बीच जाएं और सरकार द्वारा विकास और लोगों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करें।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत का रोडमैप दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है और इसे सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों, नागरिक समाज, वैज्ञानिक के साथ परामर्श करके तैयार किया गया है।
PM मोदी सरकार की नीतियों पर चर्चा करने के लिए समय-समय पर मंत्रिपरिषद की बैठकें करते रहे हैं, लेकिन रविवार (3 मार्च) को आयोजित बैठक अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण है। चुनाव आयोग अगले 15 दिनों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
क्या है विकसित भारत?
सूत्रों के मुताबिक, विकसित भारत एक कॉम्प्रिहेंसिव ब्लूप्रिंट है, जिसमें राष्ट्रीय सोच (नेशनल विजन), उम्मीदों (एस्पिरेशंस), लक्ष्य (गोल) और क्या करेंगे (एक्शन पॉइंट्स) को शामिल किया गया है।
एक अफसर ने बताया कि विकसित भारत के रोडमैप के लिए कई स्तरों पर 2700 मीटिंग, वर्कशॉप और सेमिनार हुए। साथ ही इसके लिए 20 लाख युवाओं ने सुझाव दिए।
मोदी ने मौन रहने की नसीहत दी थी, कहा- इस बार रिकॉर्ड जीत का लक्ष्य
BJP के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने नेताओं को दो दिनों तक मौन धारण करने की नसीहत दी थी। मोदी ने पार्टी नेताओं से मौन धारण करने यानी मीडिया में जाकर बैठक के बारे में कुछ भी बोलने से मना किया है।
इसके साथ ही, मोदी ने मंडल प्रभारियों को हर एक पन्ना प्रमुख से 30 दिन में कम से कम एक बार मिलने को कहा है। मोदी चाहते हैं कि BJP हर वोटर तक व्यक्तिगत तौर पर पहुंचे। इसके लिए सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने को कहा गया है।
देश में 10 लाख 35 हजार बूथ हैं, यानी एक लोकसभा क्षेत्र में करीब 1900 बूथ। अगर हर बूथ पर 370 वोट जोड़े गए, तो एक लोकसभा क्षेत्र में 7 लाख वोट जोड़ने होंगे और पूरे देश में 38 करोड़ वोटर जोड़ने होंगे।