पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरेशी ने मिलकर राजनीतिक हालात पर चर्चा की
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से जहां उŸाराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरेशी ने मिलकर राजनीतिक हालात पर चर्चा की वहीं राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं प्रमुख समाज सेवी डाॅ0 मदन यादव एवं श्रीमती वंदना यादव के साथ समाजवादी पार्टी के प्रदेश महासचिव उमा प्रताप सिंह तथा छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीराज गाली ने भेंटकर वहां होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति की जानकारी दी। की।
श्री यादव से आज भी उत्तर प्रदेश के कई पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों ने भी मुलाकात कई साधु महात्मा और कई मौलाना भी गर्मजोशी से मिले और उन्होंने आम की टोकरियां भी भेंट की। पटना में सुपर 30 कोचिंग के संचालक आनंद सर ने अखिलेश को प्रतिभाशाली छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारी कराने के सम्बंध में जानकारी दी। ‘बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं‘ का ढिंढोरा पीटती रहती है वहीं राजधानी लखनऊ में भी बच्चियों का जीवन सुरक्षित नहीं रह गया है। आए दिन बलात्कार और हत्याओं की घटनाएं हो रही है। भाजपा सरकार ने 1090 और यूपी 100 को पूरी तरह निष्क्रिय बना दिया है।
श्री अखिलेश यादव ने आज अपने कार्यकर्ताओं से नदियों में बढ़ते प्रदूषण और नौजवानों में बढ़ती कुंठा पर विशेष चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने गोमती और वरूणा की सफाई के लिए कई कदम उठाए थे। गोमती रिवर फ्रंट का आकर्षण बढ़ गया था। आज भाजपा सरकार में गंगा सफाई के नाम पर अच्छा खासा बजट तो दिया जा रहा है लेकिन जमींनी तौर पर कुछ खास नहीं हो रहा है। सिर्फ जनता को बहकाया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की नदियों और तालाबों में जलकुम्भी का ही बोलबाला है। प्रदूषित नदियों का जल आचमन लायक भी नहीं रहा है। दुनिया के किसी देश में नदियों की ऐसी दुर्दशा देखने को नहीं मिलती। जबकि भारत में तो नदियों को पूजा तक जाता है। मानव सभ्यता के विकास में नदियों की सदियों से महत्वपूर्ण भूमिका रही है। लेकिन भाजपा सरकारों की संवेदन शून्यता का ही नतीजा है कि नदियां मर रही हैं।
श्री यादव ने कहा है कि जहां तक नौजवानों का सवाल है उनके सामने कोई भविष्य नहीं है। शिक्षा मंहगी है और रोजगार के साधन सिकुड़ते जा रहे हैं। व्यापारिक एवं औद्योगिक संस्थानों में छंटनी हो रही है। पूंजीनिवेश के नाम पर सिर्फ हवाई बातें हो रही है। महिलाएं और बच्चियां असुरक्षित हैं। किसान, गरीब, व्यापारी सब परेशान है। मंहगाई से लोग त्रस्त हैं। भाजपा धोखे पर धोखा दे रही है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर तो गंभीरता से सोचना होगा कि भारत का सपना तोड़ने का दोषी कौन है? चारों तरफ अंधकार है। इसमें समाजवादी ही रास्ता दिविचारधारा खा सकती है।