भारत करेगा अगले AI एक्शन समिट की मेजबानी, पीएम मोदी हुए खुश

By Tatkaal Khabar / 11-02-2025 03:16:49 am | 3198 Views | 0 Comments
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि एआई एक्शन समिट की गति बढ़ाने के लिए भारत की ओर से अगली समिट का आयोजन करना खुशी की बात है. अपने समापन संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज की चर्चा से एक बात सामने आई है कि सभी पक्षकारों के दृष्टिकोण और उद्देश्य में एकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं एआई फाउंडेशन और काउंसिल फॉर सस्टेनेबल एआई की स्थापना के फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं इन पहलों के लिए फ्रांस और मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बधाई देता हूं और हमारे पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूं.

प्रधानमंत्री ने "एआई के लिए वैश्विक साझेदारी" बनाने का सुझाव दिया. इससे पहले 'एआई एक्शन समिट' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत सार्वजनिक भलाई के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एप्लीकेशन विकसित कर रहा है और देश के पास दुनिया का सबसे बड़ा एआई टैलेंट पूल है. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि भारत अपनी विविधता को देखते हुए अपना स्वयं का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) बना रहा है.

भारत करेगा अगले AI एक्शन समिट की मेजबानी, पीएम मोदी ने जताई खुशीAI के कारण नौकरियां खत्म होने की बहस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि टेक्नोलॉजी के कारण काम खत्म नहीं होता है.


भारत करेगा अगले AI एक्शन समिट की मेजबानी, पीएम मोदी ने जताई खुशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि एआई एक्शन समिट की गति बढ़ाने के लिए भारत की ओर से अगली समिट का आयोजन करना खुशी की बात है. अपने समापन संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज की चर्चा से एक बात सामने आई है कि सभी पक्षकारों के दृष्टिकोण और उद्देश्य में एकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं एआई फाउंडेशन और काउंसिल फॉर सस्टेनेबल एआई की स्थापना के फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि मैं इन पहलों के लिए फ्रांस और मेरे प्रिय मित्र राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बधाई देता हूं और हमारे पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूं.

प्रधानमंत्री ने "एआई के लिए वैश्विक साझेदारी" बनाने का सुझाव दिया. इससे पहले 'एआई एक्शन समिट' को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत सार्वजनिक भलाई के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एप्लीकेशन विकसित कर रहा है और देश के पास दुनिया का सबसे बड़ा एआई टैलेंट पूल है. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि भारत अपनी विविधता को देखते हुए अपना स्वयं का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) बना रहा है.

प्रधानमंत्री ने बताया कि कंप्यूटिंग पावर जैसे संसाधनों को एकत्रित करने के लिए हमारे पास एक यूनिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल भी है. यह हमारे स्टार्ट-अप और शोधकर्ताओं को किफायती कीमत पर उपलब्ध कराया गया है." प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "एआई स्वास्थ्य, कृषि और अन्य के जरिए लाखों लोगों की जिंदगी को बदल सकता है. यह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकता है जिसमें सतत विकास लक्ष्यों की यात्रा आसान और तेज हो जाएगी."

एआई के कारण नौकरियां खत्म होने की बहस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि टेक्नोलॉजी के कारण काम खत्म नहीं होता है. उन्होंने आगे कहा, "नौकरियों के प्रकार बदल जाते हैं और नई तरह की नौकरियां पैदा होती हैं. हमें इसके लिए स्किल और रिस्किलिंग में निवेश करना होगा, जिससे एआई से संचालित होने वाले भविष्य के लिए लोग तैयार हो सकें."

इस खबर को युगवार्ता के  टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।